tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post4642325601354626112..comments2023-10-08T20:43:09.098+05:30Comments on समुद्र पार के पाखी: मैंने तुम्हें सपनों में इतना देखा हैरीनू तलवाड़http://www.blogger.com/profile/13029218222561208404noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-60329075002534143112012-10-21T23:46:46.714+05:302012-10-21T23:46:46.714+05:30रीनू, यूँ तो आपको काफी दिनों से जान रही हूँ. पर अब...रीनू, यूँ तो आपको काफी दिनों से जान रही हूँ. पर अब, जब फेसबुक की हलचल से अलग इन कविताओं को पढ़ रही हूँ तो सच मनो,... एक बिलकुल नया अनुभव दे रही हैं ये कवितायेँ. प्रेम के प्रति अद्भुद दृष्टिकोण, जो पढ़े जां एकी प्यास को और भी बढ़ाती हों... <br />मैंने तुम्हें सपनों में इतना देखा है <br />कि तुमने अपनी वास्तविकता खो दी है... बहुत अच्छा लगा इन पंक्तियों को पढ़नाBhavna Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08497376388301472228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-64415946752986870052011-09-21T09:44:58.388+05:302011-09-21T09:44:58.388+05:30भाषा और भावानुवाद, रीनू. ...जीवन की धूपघड़ीभाषा और भावानुवाद, रीनू. ...जीवन की धूपघड़ीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-85345013165417209112011-09-21T07:43:49.166+05:302011-09-21T07:43:49.166+05:30बेहतरीन....ख्वाब जब हकीकत हो जाते हैं तो भी यकीन न...बेहतरीन....ख्वाब जब हकीकत हो जाते हैं तो भी यकीन नहीं होता की वो सच हो गए हैं..सामने हैंNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-23482522468288600782011-09-21T01:20:09.497+05:302011-09-21T01:20:09.497+05:30कविता हर बार प्रेम की अनगिनत परतें खोलती हुई...कविता हर बार प्रेम की अनगिनत परतें खोलती हुई...neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.com