tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post5439259798904945739..comments2023-10-08T20:43:09.098+05:30Comments on समुद्र पार के पाखी: आज और शायद कल भी रीनू तलवाड़http://www.blogger.com/profile/13029218222561208404noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-24870874979830186532023-08-16T21:53:03.385+05:302023-08-16T21:53:03.385+05:30मैंने यह कविता अंग्रेज़ी में पढ़ी हुई है। हमारे पास ...मैंने यह कविता अंग्रेज़ी में पढ़ी हुई है। हमारे पास इस कवि की सम्पूर्ण कविताएँ है।<br /><br />लयात्मकता भंग नहीं हुई। सुंदर अनुवाद।Anonymousnoreply@blogger.com