tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post6842917053845459959..comments2023-10-08T20:43:09.098+05:30Comments on समुद्र पार के पाखी: मुझे लगा मैं मर रहा हूँ...रीनू तलवाड़http://www.blogger.com/profile/13029218222561208404noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-78820018704838687812012-05-07T02:51:17.118+05:302012-05-07T02:51:17.118+05:30मंत्रमुग्धा... अथाय प्रेम...उत्क्रष्ट रचना...दिल क...मंत्रमुग्धा... अथाय प्रेम...उत्क्रष्ट रचना...दिल की गहराईयोँ में उतर गई, हमेशा के लिए...भावी इंजीनियरhttps://www.blogger.com/profile/03921435258601483192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-90035342945005078762012-04-07T21:40:07.116+05:302012-04-07T21:40:07.116+05:30क्योंकि जिस समय जीवन हमें सताता है, प्रेम
केवल एक...क्योंकि जिस समय जीवन हमें सताता है, प्रेम <br />केवल एक ही लहर ऊंचा होता है दूसरी लहरों से,<br /><br />बेहतरीन ...........उत्कट प्रेम का अनुभव समेटा है कविता ! पाब्लो को सलाम !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.com