tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post8950126033418942174..comments2023-10-08T20:43:09.098+05:30Comments on समुद्र पार के पाखी: कंडक्टर रीनू तलवाड़http://www.blogger.com/profile/13029218222561208404noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6355469028696253636.post-44218101150196680092013-04-03T20:31:19.146+05:302013-04-03T20:31:19.146+05:30भीड़ बहुत है,सबको जीना है बस तैयार है दौड़-दौड़ कर...भीड़ बहुत है,सबको जीना है बस तैयार है दौड़-दौड़ कर जल्दी से जी लो जिन्दगी ...जल्दी करो,जल्दी करो ....वाह क्या करारा व्यंग्य किया है आजकल की आपाधापी से भरी जिन्दगी पर । <br /><br />शानदार कविता का जानदार अनुवाद । बधाई रीनू जी । अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.com