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द स्टारी नाईट , विन्सेंट वान गोग |
और क्या वह जादुई दुनिया
तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगी?
जहाँ जीवन की सबसे निर्मल सांसों पर,
पहले प्यार की रोशन छाया पर,
तुम्हारे मन में जो उतर कर बस गयी,
उस आवाज़ पर,
तुमने सपनों में जो पकड़ना चाहा था,
उस हाथ पर,
और उन सब चीज़ों पर
जो तुम्हें प्यारी थी,
जिन्होंने छुआ था तुम्हारी आत्मा को,
आकाश की गहराईयों को,
जहाँ इन सब पर
स्मृति का पहरा है,
क्या वह जादुई दुनिया
तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगी?
तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगा क्या,
वह पुराना जीवन जो तुमने ठीक कर के
फिर से नया-सा किया है?
तुम्हारी आत्मा के कल-पुर्जों ने क्या
इतना श्रम किया था
बस हवा और मिटटी होने के लिए?
-- अंतोनियो मचादो

इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद ए. एस क्लाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
very touching and something to think about...when the sun is then there is sunshine...moon there is moonlight...or the knowing that they are there somewhere but how can one tell?
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