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बॉय विद अ डॉग, पाब्लो पिकासो Boy With a Dog, Pablo Picasso |
ऐसा बस हो गया. जानते हो न कैसे कुत्ते किसी बाड़ी में
बस पहुँच जाते हैं, दुम हिलाते हैं मगर कुछ समझा नहीं पाते.
अच्छा है अगर तुम अपने जीवन को स्वीकार कर सको -- तुम देखोगे
की तुम्हारा चेहरा कुछ विकृत विक्षिप्त-सा हो गया है उस से ताल-मेल
बिठाते-बिठाते. तुम्हारे चेहरे ने सोचा था की तुम्हारा जीवन वैसा ही लगेगा
जैसा दिखाता था तुम्हारे शयनकक्ष का आईना जब तुम दस बरस के थे.
वह एक निर्मल नदी थी बस पहाड़ी हवा की छुई हुई.
तुम्हारे माता-पिता को भी विश्वास नहीं होता की तुम कितना बदल गए हो.
जाड़ों में गौरैया, अगर तुमने कभी पकड़ी हो, केवल पंख-ही-पंख होती है,
और तुम्हारे हाथ से एक उत्तेजित आनंद की तरह छूटती है.
बाद में तुम उन्हें देखते हो झाड़ियों में. अध्यापक तुम्हारी प्रशंसा करते हैं,
मगर अब तुम्हारा जाड़ों की गौरैया के पास लौटना संभव नहीं है.
तुम्हारा जीवन एक कुत्ता है. वह मीलों से भूखा है.
तुम्हें ख़ास पसंद नहीं करता, मगर हार मानकर, अन्दर आ जाता है.
-- रोबर्ट ब्लाए

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़