मंगलवार, अगस्त 28, 2012

बारिश

लैंडस्केप, पॉल गौगैं
Landscape, Paul Gauguin 
आखिरकार दोपहर रोशन हो ही गई
क्योंकि बारिश होने लगी है अचानक,
नन्हीं-नन्हीं बूँदें.
होने लगी है या हुई थी. निस्संदेह,
बारिश वही है जो अतीत में होती है.

जिसने उसे गिरते हुए सुना है,
उसने वापिस पा लिया है वह समय
जब एक आकस्मिक आनंद ने उसके समक्ष
प्रत्यक्ष किया था एक फूल,
जिसका नाम था गुलाब,
और उसकी रंगत की अनोखी लालिमा.

यह बारिश जो खिड़की के शीशों को
धुँधला देती है
अवश्य करेगी हर्षित नगर के खो चुके टोलों में
बेल पर लटके काले अंगूरों को

उस आँगन में जो अब नहीं है. और यह भीगी
दोपहर लौटा लाती है वह स्वर
मेरे पिता का वह इच्छित स्वर
मेरे पिता जो लौट आते हैं और जो मृत नहीं हैं.


-- होर्खे लुईस बोर्खेस 


Jorge Luis Borges होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. यह कविता उन के संकलन 'ड्रीमटाइगरज़ ' से है.
इस कविता का स्पैनिश से अंग्रेजी में अनुवाद हैरोल्ड मोर्लैंड ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़