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बोस्फोरस बाय मून लाईट , इवान आयेवाज़ोव्सकी Bosphorus by Moonlight, Ivan Aivazovsky |
मई की रात की ठंडी चांदनी में
मैंने किनारे पर रखा कदम
जहाँ घास और फूल धूसर थे
मगर खुशबू हरी.
रंगों से अनजानी रात में
मैं ढलान पर धीमे-धीमे चढ़ा
जिस समय सफ़ेद पत्थर
इशारे कर रहे थे चाँद को
समय की एक अवधि
कुछ ही क्षण लम्बी
अट्ठावन साल चौड़ी.
और मेरे पीछे
सीस-रंग में झिलमिलाते पानी के पार
था दूसरा छोर
और वे जो शासन करते हैं.
लोग जिनके चेहरे की जगह
है भविष्य.
-- तोमास त्रांसत्रोमर

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके कवि रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़