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फोर हैण्डज, विन्सेंट वान गोग Four Hands, Vincent Van Gogh |
बरसों उत्तर में बिताने के बाद एक दोस्त
ने मुझे पत्र लिखा कि वहाँ के लोग
ठण्ड से कैसे निपटते हैं
उसने मुझे बताया कि कर्मी दल
खोद रहे थे सड़क के
एक कोने को दिन भर
वे लोग आग जलाये रखते थे
एक पुराने तेल के ड्रम में जिसकी
दीवार में सुराख थे और जलाये रखने
के लिए आग में कुछ भी डालते जाते थे
वह देख रहा था ड्रम के पास खड़े
दो आदमियों को जिनके पास थे
कुल तीन दस्ताने और वे
उनमें से एक को आपस में
बारी-बारी पहनते थे
और गर्म रखने के लिए पैरों को
जोर से ज़मीन पर पटकते थे
और वह यह बताने का प्रयत्न करता रहा था
कि वह दस्ताना बाएँ हाथ का था या दाहिने हाथ का
-- डब्ल्यू एस मर्विन

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़