मंगलवार, जून 05, 2012

प्रवसन

लवर्ज़ विद फ्लार्ज़, मार्क शगाल
Lovers with Flowers, Marc Chagall


अँधेरे में शुरू होता है दुनिया का प्रवसन:
उसके पेड़ टहलते हैं रात की धरती के साथ-साथ,
उसके अंगूरी गुछ्छे भर जाते हैं सुनहरी सुरा से,
उसके सितारे घर-घर भटकते फिरते हैं,
उसकी नदियाँ बहने लगती हैं पीछे की ओर!
और तुम्हारी छाती पर सर टिकाये -- 

सोना चाहती हूँ मैं.




-- मारीना स्व्ताएवा 



  मारीना स्व्ताएवा ( Marina Tsvetaeva ) बहुत प्रसिद्द रूसी लेखिका व कवयित्री थीं और उनको 20 वीं सदी के बेहतरीन रूसी साहित्यकारों में गिना जाता है. 18 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'ईवनिंग एल्बम' प्रकाशित हुआ. वे रूसी क्रांति व उसके बाद मास्को में पड़े अकाल के समय वहीँ थी. क्योंकी वे क्रांति के खिलाफ थी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. कई साल वे अपने परिवार के साथ गरीबी की हालत में पेरिस, बेर्लिन्र व प्राग में रहीं. मास्को लौटने के बाद भी उन्हें शक की नज़र से देखा जाता रहा व उनके परिवार को कसी न किसी कारण से सताया जाता रहा, उनकी बेटी कई वर्ष जेल में रहीं, व पति को मार डाला गया. बिना किसी आर्थिक सहारे के व नितांत अकेलेपन में, उन्होंने आत्महत्या कर ली.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद इल्या कामिन्सकी व यौं वालोंतीन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़