बुधवार, जुलाई 25, 2012

कविता की कला

द सेन एट वथई, क्लौद मोने
The Seine at Vetheuil, Claude Monet
ताकना समय और पानी से बनी एक नदी को
और याद करना कि समय एक और नदी है.
जानना कि हम नदी ही की तरह भटकते हैं
और हमारे चेहरे पानी की तरह लुप्त हो जाते हैं.

महसूस करना कि जागना एक और स्वप्न है
जो स्वप्न देखता है स्वप्न ना देखने का
और यह कि जिस मृत्यु से हम भीतर तक भयभीत हैं
वह वही मृत्यु है जिसे हर रात हम स्वप्न कहते हैं.

देखना हर दिन और हर वर्ष में एक संकेत
मानव के सभी दिनों और उसके वर्षों का
और परवर्तित करना इस वर्षों के अत्याचार को
संगीत में, एक स्वर में और एक संकेत में.

देखना मृत्यु में एक स्वप्न, सूर्यास्त में
एक सुनहरी उदासी -- ऐसी है कविता,
विनीत और अमर, कविता,
पुनः पुनः लौटती, भोर और सूर्यास्त की तरह.

कभी-कभी सांझ ढले एक चेहरा होता है
जो देखता है हमें आईने की गहराईयों से.
कला ऐसा ही आईना होती होगी,
जो दिखाती होगी हम में से हर एक को उसका चेहरा.

कहते हैं कि यूलिसीस*, आश्चर्यों से क्लांत,
अपने हरे और सीधे-सादे इथाका को देख कर,
प्रेमवश रोने लगा था. कला वह इथाका है,
एक हरी अनंतता, कोई आश्चर्य नहीं.

कला एक बहती नदी सी अनंत है,
आगे बढ़ती, फिर भी ठहरी रहती, आइना दिखाती
उसी परिवर्तनशील हेराक्लिटस* को, जो वही है,
फिर भी कोई और है, बहती नदी कि तरह.



-- होर्खे लुईस बोर्खेस 



Jorge Luis Borges होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. 
इस कविता का स्पैनिश से अंग्रेजी में अनुवाद ए एस क्लाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

*यूलिसीस -- यूनानी नायक ओडीसियस का लातिनी नाम. ओडीसियस इथाका का रजा था व होमर के प्रसिद्द महाकाव्य 'ओडीसी ' का नायक भी.
http://en.wikipedia.org/wiki/Odysseus
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हेराक्लिटस -- एक यूनानी दार्शनिक जो कहते थे की ब्रह्माण्ड में सब कुछ हर पल बदलता रहता है. उनका प्रसिद्द कथन -- "कोई भी व्यक्ति पहले वाली नदी में नहीं उतरता"
http://en.wikipedia.org/wiki/Heraclitus