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मैन कैरिंग बॉय, पिएर-ओग्यूस्त रनोआ Man Carrying Boy, Pierre-Auguste Renoir |
कदम सावधानी से रखता, दो-दो बार उत्तर-दक्षिण देखता,
क्योंकि उसके कंधे पर उसका बेटा सो रहा है.
किसी गाड़ी से उस पर छींटे नहीं पड़ने चाहिए.
कोई गाड़ी नहीं निकलनी चाहिए उस की छाया के भी पास से.
आदमी ढो रहा है दुनिया का सब से प्यारा माल
मगर उस पर नहीं बना हुआ कोई चिन्ह.
उसकी जैकिट पर कहीं नहीं लिखा -- फ्रैजाइल,
हैंडल विद केयर.
चलती साँसों का स्वर आदमी के कानों में भर जाता है.
वह सुनता है एक बच्चे के स्वप्न की गुंजन
अपने ही भीतर गहरे कहीं.
इस दुनिया में
हम रह नहीं पाएंगे
अगर हम एक-दूसरे के साथ
नहीं तैयार वह करने को जो यह आदमी कर रहा है.
सड़क चौड़ी ही रहेगी.
बारिश कभी गिरनी बंद नहीं होगी.
-- नाओमी शिहाब नाए

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़