गुरुवार, मई 17, 2012

कंधे

मैन कैरिंग बॉय, पिएर-ओग्यूस्त रनोआ 
Man Carrying Boy, Pierre-Auguste Renoir
बारिश में एक आदमी सड़क पार करता है 
कदम सावधानी से रखता, दो-दो बार उत्तर-दक्षिण देखता,
क्योंकि उसके कंधे पर उसका बेटा सो रहा है.

किसी गाड़ी से उस पर छींटे नहीं पड़ने चाहिए.
कोई  गाड़ी नहीं निकलनी चाहिए उस की छाया के भी पास से.

आदमी ढो रहा है दुनिया का सब से प्यारा माल 
मगर उस पर नहीं बना हुआ  कोई  चिन्ह. 
उसकी जैकिट पर कहीं नहीं लिखा -- फ्रैजाइल,
हैंडल विद केयर.

चलती साँसों का स्वर आदमी के कानों में भर जाता है.
वह सुनता है एक बच्चे के स्वप्न की गुंजन
अपने ही भीतर गहरे कहीं. 

इस दुनिया में 
हम रह नहीं पाएंगे
अगर हम एक-दूसरे के साथ 
नहीं तैयार वह करने को जो यह आदमी कर रहा है.

सड़क चौड़ी ही रहेगी.
बारिश कभी गिरनी बंद नहीं होगी.


-- नाओमी शिहाब नाए 



 नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. यह कविता उनके संकलन " रेड सूटकेस " से है.  

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़