बुधवार, मार्च 06, 2013

मैं चाहती थी...

फेयरी टेल, मिकालोयुस चिर्लोनियस
Fairy Tale, Mikalojus Ciurlionis
...मैं चाहती थी
कि मेरा अतीत कहीं चला जाए, मैं चाहती थी
उसे छोड़ देना, किसी बेगाने देश की तरह; मैं चाहती थी
कि मेरा जीवन बंद हो कर, फिर खुल जाए
कब्ज़े की तरह, पंख की तरह, गीत के उस हिस्से
की तरह जहाँ वह गिर जाता है
नीचे पड़े पत्थरों पर: एक विस्फोट, एक खोज;
मैं चाहती थी
अपने जीवन के कार्य में जल्दी आना; मैं जानना चाहती थी,
जो कोई भी मैं थी, मैं

जीवित थी
थोड़ी देर के लिए.

...और मैं चाहती थी
कि मैं प्रेम कर पाऊं. और यह हम सब जानते हैं
ऐसी इच्छाओं का क्या होता है,
नहीं जानते क्या?


-- मेरी ओलिवर


Mary Oliver मेरी ओलिवर ( Mary Oliver )एक अमरीकी कव्यित्री हैं, जो 60 के दशक से कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. उनके 25 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं और बहुत सराहे गए हैं. उन्हें अमरीका के श्रेष्ठ सम्मान 'नेशनल बुक अवार्ड' व 'पुलित्ज़र प्राइज़' भी प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविताएँ प्रकृति की गुप-चुप गतिविधियों के बारे में हैं, जैसे वो धरती और आकाश के बीच खड़ीं सब देख रहीं हैं. और  उनकी कविताओं में उनका अकेलेपन  से प्यार, एक निरंतर आंतरिक एकालाप व स्त्री का प्रकृति से गहरा सम्बन्ध भी दिखाई देता है. यह कवितांश उनकी कविता 'डॉगफिश'से है.

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़