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फेयरी टेल, मिकालोयुस चिर्लोनियस Fairy Tale, Mikalojus Ciurlionis |
कि मेरा अतीत कहीं चला जाए, मैं चाहती थी
उसे छोड़ देना, किसी बेगाने देश की तरह; मैं चाहती थी
कि मेरा जीवन बंद हो कर, फिर खुल जाए
कब्ज़े की तरह, पंख की तरह, गीत के उस हिस्से
की तरह जहाँ वह गिर जाता है
नीचे पड़े पत्थरों पर: एक विस्फोट, एक खोज;
मैं चाहती थी
अपने जीवन के कार्य में जल्दी आना; मैं जानना चाहती थी,
जो कोई भी मैं थी, मैं
जीवित थी
थोड़ी देर के लिए.
...और मैं चाहती थी
कि मैं प्रेम कर पाऊं. और यह हम सब जानते हैं
ऐसी इच्छाओं का क्या होता है,
नहीं जानते क्या?
-- मेरी ओलिवर

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़