![]() |
फेयरी टेल, मिकालोयुस चिर्लोनिअस Fairy Tale, Mikalojus Ciurlionis |
ठीक ही है कि हमारे मुंह में रस का स्वाद कड़वा लगे.
ठीक ही है कि बूढ़ा आदमी अपने बेकार पैर को घसीट कर चले.
जन्नत के पेड़ पर सेब महीनो तक लटका रहता है.
हम गिराव के कगार पर सालों-साल करते रहते हैं प्रतीक्षा.
नीला-स्लेटी पर्वत उगता रहता है काले पेड़ों के पीछे.
ठीक ही है कि मरने तक मैं यही दर्द महसूस करता रहूँ.
एक कमाया हुआ दर्द अधिक पोषण करता है हमारा
बनिस्बत उस आनंद के जो हमने कल रात लॉटरी में जीता था.
ठीक ही है कि तीतर का घोंसला बर्फ़ से भर जाए.
व्याध क्यों शिकायत करे अगर उसका झोला खाली लौटे शाम को?
इसका अर्थ केवल यही है कि पंछी एक रात और जीवित रहेगा.
ठीक ही है कि हम आज रात अपनी सभी चाबियाँ सौंप दें.
ठीक ही है कि हम त्याग दें अपना कुंडलिनी के लिए मोह
ठीक ही है कि जिस नाव से मैं प्रेम करता हूँ, कभी न पहुंचे किनारे.
अगर हम पहले ही मृत्यु के इतने पास हैं, तो हम शिकायत क्यों करें?
रॉबर्ट, घोंसलों तक पहुँचने के लिए कितने पेड़ों पर चढ़े हो तुम
ठीक ही है कि नीचे आते-आते तुम्हारे पंख उग आएँ.
--- रोबर्ट ब्लाए

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़