गुरुवार, जुलाई 19, 2012

बिना पिया की रातें

वुमंज़ पोर्ट्रेट, कोंस्तान्तिन यूओन
Woman's Portrait, Konstantin Yuon
बिना पिया की रातें -- और रातें
उसके साथ जिसे तुम प्यार नहीं करतीं, और
तपते माथे के ऊपर बड़े-बड़े सितारे, और बाहें,
ऊपर उठती, 'उस' तक पहुँचने की कोशिश करतीं --
जो यहाँ ना जाने कब से नहीं था -- और होगा भी नहीं,
जो हो नहीं सकता -- और जिसे होना ज़रूर चाहिए...
और बच्चे की आँख से टपकता नायक के लिए आँसू,
और नायक की आँख से टपकता बच्चे के लिए आँसू,
और विशाल, पथरीले पहाड़
उस की छाती पर जिसे नीचे उतरना ही है...

मैं जानती हूँ वह सब जो था और वह सब जो होगा,
मैं जानती हूँ यह मूक अकर्ण रहस्य,
जिस लोगों की अशिक्षित और अस्फुट भाषा
जीवन कहती है.


-- मारीना स्व्ताएवा



 मारीना स्व्ताएवा ( Marina Tsvetaeva ) बहुत प्रसिद्द रूसी लेखिका व कवयित्री थीं और उनको 20 वीं सदी के बेहतरीन रूसी साहित्यकारों में गिना जाता है. 18 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'ईवनिंग एल्बम' प्रकाशित हुआ. वे रूसी क्रांति व उसके बाद मास्को में पड़े अकाल के समय वहीँ थी. क्योंकी वे क्रांति के खिलाफ थी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. कई साल वे अपने परिवार के साथ गरीबी की हालत में पेरिस, बेर्लिन्र व प्राग में रहीं. मास्को लौटने के बाद भी उन्हें शक की नज़र से देखा जाता रहा व उनके परिवार को कसी न किसी कारण से सताया जाता रहा, उनकी बेटी कई वर्ष जेल में रहीं, व पति को मार डाला गया. बिना किसी आर्थिक सहारे के व नितांत अकेलेपन में, उन्होंने आत्महत्या कर ली. 
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद आंद्रे नेल्लर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़