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पोर्ट्रेट ऑफ़ अ वुमन, अमादेओ मोदिग्लिआनि Portrait of a Woman, Amadeo Modigliani |
काले कपड़े में लिपटे हुए, जैसे किसी मृत स्त्री
के हाथों से उतारी गई तीन अंगूठियाँ, सर्द,
चमक-विहीन सोना. मैंने उन्हें हाथ में पकड़ा था,
बरसों पहले,
फिर उन्हें रख दिया था, भूल गई थी कि वह क्या है जिसे
कहने के लिए उन्हें इस्तेमाल कर सकती हूँ. पहले को मैंने
होंठों से छुआ, फिर दूसरे, फिर तीसरे को, प्रसाद की तरह,
वचन की तरह, चुम्बन की तरह,
और मेरी साँसों ने
उन्हें गरमा दिया, उन छोटे, थोड़े-से शब्दों को
जो मुझे चाहिए थे कुछ कहने के लिए.
मैं उन्हें घिसती रही, तब तक, जब तक मेरी हथेली में ऐसे चमकने लगे -
तुम्हें प्यार करती हूँ, प्यार करती हूँ, प्यार करती हूँ -
जैसे कि वो हो गए हों नए.
-- कैरल एन डफ्फी

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़