रविवार, अगस्त 21, 2011

पंद्रह त्रिक

अंडर द लेमन ट्रीज़, क्लौद मोने
Under The Lemon Trees, Claude Monet

धुंध में लटके नींबू नन्हीं लालटेनों से लगते हैं. दो 
घोड़े लाए गए, एक धूसर एक चितकबरा. तुम धूसर 
वाला ले लो, चितकबरा तो मेरे प्राण लेकर रहेगा.
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खिड़की के शीशे पर एक कीड़ा, एक जल चुकी
तीली बेडरूम के दरवाज़े के पास: 
क्या यह कुछ है, या कुछ भी नहीं?
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टूटे स्तम्भों के बीच पत्थर के देवदूत
चूमते हैं एक दूसरे को
न जाने कब के मरे हुए लोगों की कब्रों पर.
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एक गाँव से गुज़रती एक रेलगाड़ी 
एक शनिवार की देर रात. गहरा नीला धुआं.
एक अकेला यात्री.
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देखो -- नए उगे चाँद ने 
अपनी आस्तीन में
चुपके से रख लिया है एक चाक़ू.
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आवारा कुत्ते. धूल-सने पेड़. एक टूटा 
छज्जा. रात की ओर खुलता एक दरवाज़ा.
मैंने सीढ़ियों पर कदम रख दिया है.
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वह अपना गुलदस्ता बिस्तर पर छोड़ देती है.
वह अपने बालों में कंघी करती है.
वह अपने वस्त्र उतार, खिड़की के पास चली जाती है.
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हर रात, जैसे ही तुम आँखें बंद करते हो, वह अनामित 
नग्न खड़ा होता है तुम्हारे बिस्तर के पास. वह तुम्हें 
टकटकी लगा कर देखता है और बता देता है सबकुछ.
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रात की हवा पर पत्ते हौले-से रखते हैं कदम;
अपनी नींद में मैं उन्हें सुनता हूँ
और जड़ों तक करता हूँ उनका पीछा.
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रात को रेलवे स्टेशन: सुनसान, अँधेरा, वीरान.
स्टेशन-मास्टर बीड़ी जलाता है.
वह अपनी ज़िप खोलकर नीचे पटरी पर मूतता है.
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एक बंद मकान. सीढियां.
एक सोन-मछली तैरती है
मलिन आईने में.
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मैंने अपनी सिगरेट की ठूंठ उछाल कर 
खिडकी से बाहर पानी की टंकी में फ़ेंक दी.
क्या वह अभी भी जल रही है या वह कोई टूटा तारा है?
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तुम्हारी नींद -- एक शांत झील.
एक हिरन पीने को झुकता है. मैं झुकता हूँ
पीने को.
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खिड़कियाँ बंद. घर खाली 
बिस्तर पर तुम्हारे बदन की 
चिकनी नग्न अनुपस्थिति को छोड़कर.
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वे तारों जड़ी रातें...गीली घास पर
सेबों का गिरना सुना जा सकता था.
हम सेब पड़े रहने देते थे, पर आवाज़ बटोर लेते थे.



--- ज्यानिस रीत्ज़ोज़ 


 ज्यानिस रीत्ज़ोज़ ( Yannis Ritsos ) एक युनानी कवि और वामपंथी ऐक्टिविस्ट थे. टी बी और दुखद पारिवारिक समस्याओं से त्रस्त, अपने वामपंथी विचारों के लिए उत्पीड़ित, उन्होंने ने कई वर्ष सैनटोरीअमों, जेलों व निर्वासन में बिताये मगर पूरा समय वे लिखते रहे और अनेक कविताएँ, गीत, नाटक लिख डाले, कई अनुवाद भी कर डाले. अपने दुखों के बावजूद, समय के साथ उनके अन्दर ऐसा बदलाव आया कि वे अत्यंत मानवीय हो गए और उनके लेखन में उम्मीद, करुणा और जीवन के प्रति प्रेम झलकने लगा. उनकी 117किताबे प्रकाशित हुई जिनमे कविताओं के साथ-साथ नाटक व निबंध-संकलन भी थे.इस कविता का मूल ग्रीक से अंग्रेजी में अनुवाद डेविड हार्सेंट ने किया है.

इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़