सोमवार, फ़रवरी 04, 2013

लिखा हुआ पन्ना

दो और दो चार    
चार और चार आठ
आठ और आठ हुए सोलह...
दोहराओ! मास्टर बोला
दो और दो चार
चार और चार आठ

आठ और आठ हुए सोलह.
मगर वो देखो सुरीला पंछी
आकाश में उड़ता हुआ
बच्चा उसे देखता है
सुनता है उसे
पास बुलाता है :
बचाओ मुझे
पंछी !
खेलो मेरे संग 

तो पंछी उतर आता है
और
खेलता है बच्चे के संग 
दो और दो चार...
दोहराओ! मास्टर बोला
और बच्चा खेल रहा है
पंछी खेल रहा है
उसके साथ
चार और चार आठ
आठ और आठ हुए सोलह
और सोलह और सोलह कितने होते हैं?
सोलह और सोलह कुछ नहीं होते हैं
और बत्तीस तो किसी तरह नहीं होते
और वे अंक गायब हो जाते हैं
और पंछी को
बच्चा 
छुपा देता है अपने डेस्क में
और सभी बच्चे उसका गीत 
सुनते हैं 
और जब उनकी बारी आती है तो
आठ और आठ भी गायब हो जाते हैं
और चार और चार और दो और दो
अपनी बारी आते ही खिसक लेते हैं
और एक और एक न एक होता है न दो
एक और एक भी दुम दबा कर भाग लेता है
और सुरीला पंछी खेलता है
और बच्चे गाते हैं
और मास्टर चिल्लाता है :
तुम्हारी मसखरी कभी ख़त्म होगी ?
लेकिन सभी बच्चे संगीत सुन रहे हैं
और कक्षा की दीवारें
ढह रही हैं
हौले से
सब शीशे फिर से रेत बन रहे हैं
स्याही पानी बन रही  है
मेजें फिर पेड़ बन रही हैं
चाक फिर से चूना पत्थर
कलम फिर से पंछी बन रही है


-- याक प्रेवेर
(ऊपर का विडियो
ईव मौंतों द्वारा फ्रेंच में गाई गई प्रेवेर की यह कविता है)


 याक प्रेवेर  ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ  स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी  हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है. 

इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़