गुरुवार, अप्रैल 05, 2012

मैं लिखता हूँ

मैन ड्राइंग और राइटिंग,
विन्सेंट वान गोग
Man Drawing or Writing,
Vincent Van Gogh

मैं लिखता हूँ 
चीज़ों को विस्फोटित करने के लिए; 
सब लेखन एक विस्फोट है
मैं लिखता हूँ
ताकि रोशनी अँधेरे से जीत जाए 
और कविता की विजय हो 
मैं लिखता हूँ
ताकि गेहूँ की डालियाँ मुझे पढ़ें
और पेड़ मुझे पढ़ें 
मैं लिखता हूँ 
ताकि गुलाब मुझे समझे,
और सितारा, और पंछी,
और बिल्ली, मछली, सीपियाँ और कस्तूरा.
मैं लिखता हूँ 
इस दुनिया को बचाने के लिए हलाकू के कुत्ता-दांतों से 
सेनाओं के शासन से 
गैंग के अगुआ के पागलपन से 
मैं लिखता हूँ
औरतों को बचाने के लिए तानाशाहों की कोठरी से 
मुर्दों के शहरों से 
बहुविवाह की प्रथा से 
दिनों की नीरसता से,
औपचारिकता से, दोहराव से.
मैं लिखता हूँ
शब्द को बचाने के लिए न्यायिक जांच से 
कुत्तों द्वारा सूंघे जाने से 
सेंसर की फांसी से 
मैं लिखता हूँ
जिस औरत को प्यार करता हूँ उसे बचाने के लिए 
उन शहरों से जहाँ कविता नहीं है
जहाँ प्रेम नहीं है
कुंठा और निराशा के शहर 
मैं लिखता हूँ उसे एक धुंध-भरा बादल बनाने के लिए 

केवल औरत और लिखना 
बचाते हैं हमें मरने से.


-- निज़ार क़ब्बानी



 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और क्रिस्टोफर मिडल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़