शनिवार, मार्च 24, 2012

यूटोपिया

व्यू ऑफ़ बीच एट बेलंजनाई, पॉल गौगें
View of Beach at Bellangenai, Paul Gauguin
द्वीप जहाँ सब साफ़ हो जाता है.

पैरों के नीचे की ठोस ज़मीन.

केवल वही रास्ते हैं जो कहीं पहुंचाते हैं.

प्रमाणों के भार से
झाड़ियाँ झुक-झुक जाती हैं.

तर्कसंगत पूर्वधारणा का पेड़ यहाँ उगता है
जिसकी टहनियाँ सुलझी हुई हैं.
आदिकाल से

बुद्धि का पेड़,
आश्चर्यजनक रूप से सीधा और सरल,
उगता है उस झरने के किनारे जिसका नाम है -- अब समझ आया.

जितना घना जंगल, उतना ही विशाल परिदृश्य:
स्पष्टतः की घाटी.

कोई संदेह उठता है, तो हवा तुरंत छितरा देती है.

बिन बुलाये प्रतिध्वनियाँ गूंजती हैं
और उत्साहपूर्वक समझा जाती हैं संसार के सारे रहस्य.

दायीं ओर एक गुफा है जहाँ रहता है अर्थ.

बायीं ओर झील है दृढ विश्वास की.
सत्य तल से टूट कर सतह पर तैरता है.

अविचल आत्मविश्वास ऊंचा उठता है घाटी में से.
उसके शिखर से अच्छा दृश्य है चीज़ों का सार-तत्व का.

अपने सभी आकर्षणों के बावजूद, द्वीप निर्जन है,
और जो भी पैरों के धुंधले निशान
बिखरे हुए हैं उसके बालू-तटों पर,
बिना अपवाद जाते हैं समुद्र की ओर.

जैसे कि यहाँ से बस जाया ही जा सकता है,
और डूबा जा सकता है, कभी न लौटने के लिए,

अथाह जीवन की गहराईयों में.




-- वीस्वावा शिम्बोर्स्का




 वीस्वावा शिम्बोर्स्का ( Wislawa Szymborska ) पोलैंड की कवयित्री, निबंधकार व अनुवादक हैं. उनकी युवावस्था लगभग संघर्ष में ही बीती -- द्वितीय विश्व-युद्ध और उसके पोलैंड पर दुष्प्रभाव, कम पैसे होने की वजह से पढाई छोड़ देना, छुट-पुट नौकरियां, पोलैंड में साम्यवाद का लम्बा दौर. इस सब के बावजूद उनकी साहित्यिक व कलात्मक गतिविधियाँ जारी रही. उन्होंने अख़बारों व पत्रिकाओं में मूलतः साहित्य  के विषय पर खूब लिखा. उन्होंने बहुत प्रचुरता में नहीं लिखा. उनकी केवल २५० कविताएँ प्रकाशित हुईं. लेकिन उनका काम इतना सराहनीय था की पूरे विश्व में पहचानी जाने लगी. 1996 में उन्हें नोबेल पुरूस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी कविताओं व निबंधों का अनेक भाषाओँ में अनुवाद किया गया है.
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्तानिस्वाव बरंजाक व  क्लेर कावानाह ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़