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स्टिल लाइफ विद पेप्पर्ज़ ऑन अ व्हाइट लैकर्ड टेबल, फीलिक्स वालोतों Still Life with Peppers on a White Lacquered Table, Felix Vallottan |
हालाँकि यह घर मेरा नहीं है
नहीं जानता किसका है
मैं तो यूँ ही घुस आया था एक दिन
यहाँ कोई नहीं था
सिर्फ थी कुछ लाल मिर्चें
सफ़ेद दीवार पर लटकी हुईं
बहुत दिनों से रह रहा हूँ इस घर में
और कभी कोई नहीं आया
मगर हर रोज़ हर दिन
मैंने तुम्हारा इंतज़ार किया है
कभी तो आओगी तुम मेरे घर
मैं और कुछ भी सोचता हूँ
मगर कुछ और नहीं सोच पाता
सिवा इसके
और जब तुम रखोगी कदम मेरे घर में
धीरे से तुम उतार दोगी
जो भी तुमने पहना होगा
और तुम खड़ी रहोगी वैसे ही
बिना कुछ पहने
और तुम्हारे होंठ वैसे लाल होंगे
जैसी लाल मिर्चें
सफ़ेद दीवार पर लटकी हुईं
और फिर तुम लेट जाओगी
और मैं भी लेट जाऊँगा
तुम्हारे पास
और बस
तुम आओगी मेरे घर
यह घर जो मेरा नहीं है
-- याक प्रेवेर

इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़