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रोज़िज़ एंड बीटल, विन्सेंट वान गोग Roses And Beetle, Vincent Van Gogh |
अपने पौधों को पानी दो,
अपने फूलों से प्यार करो.
बाकी सब
अनजाने पेड़ों की छाया है.
यथार्थ हमेशा,
जो हम चाहते हैं,
उस से कम या
उस से अधिक ही होता है.
केवल हम ही
स्वयं के तुल्य होते हैं.
अकेले रहना अच्छा है,
और सादगी से रहना
बहुत ही अच्छा.
दुःख को देवों के चरणों में
भेंट-सा चढ़ा दो.
जीवन को दूर से देखो.
कभी सवाल मत करो.
तुम्हें बताने के लिए
उसके पास कुछ भी नहीं है.
उत्तर देवों से भी आगे है कहीं.
मगर चुपचाप अपने मन में
देवों का अनुसरण करो.
देव देव हैं
क्योंकि वे कभी नहीं सोचते
कि वे क्या हैं.
-- फेर्नान्दो पेस्सोआ ( रिकार्दो रेइस)

इस कविता का मूल पोर्त्युगीज़ से अंग्रेजी में अनुवाद रिचर्ड ज़ेनिथ ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़