शनिवार, फ़रवरी 01, 2014

बारबरा

ल पों द कूर्बवोआ, यॉर्ज सरा
Le pont de Courbevoie, Georges Seurat
याद करो बारबरा
बिना रुके बारिश हो रही थी
उस दिन ब्रेस्त में
और तुम चल रही थीं 
मुस्कुराती हुई
खिली हुई, ख़ुशी
और बारिश में सराबोर
याद करो बारबरा
बिना रुके बारिश हो रही थी
ब्रेस्त में
और सियाम सड़क पर
मैं तुम्हारे पास से गुज़रा था
तुम मुस्कुरा रही थीं 
और मैं ? मैं भी तो मुस्कुरा रहा था
याद करो बारबरा
तुम जिसे मैं नहीं जानता था
तुम जो मुझे नहीं जानती थीं 
याद करो
याद करो फिर भी उस दिन को
भूलो नहीं  
एक आदमी बारिश से बच कर 
एक बरामदे में खड़ा था
और उसने तुम्हारा नाम पुकारा था
बारबरा
और बारिश में
दौड़ पड़ी थीं तुम उसकी ओर
खिली हुई, ख़ुशी
और बारिश में सराबोर
और लिपट गयी थीं तुम उस से
याद करो बारबरा
देखो मुझसे नाराज़ मत होना
अगर तुम्हें 'तुम' कहूं तो 
मैं उन सब को 'तुम' कहता हूँ
जिन्हें प्यार करता हूँ
भले एक ही बार मिला हूँ 
मैं उन सब को 'तुम' कहता हूँ
जो प्यार करते हैं
भले मैं उन्हें पहले से नहीं जानता 
याद करो बारबरा
भूलो नहीं 
तुम्हारे खिले हुए चेहरे पर
उस शांत शहर पर
गिरती वो खुशनुमा बारिश
बरसती
सागर पर
हथियारों के भंडार पर
जहाज़ों पर
ओह बारबरा
क्या नासमझी है यह युद्ध भी
क्या हाल हो गया है तुम्हारा अब
इस लोहे की, आग की, खून की बारिश में
और वह जिसने तुम्हे प्यार से
बाहों में कसा था
वह क्या नहीं रहा
लापता है या है जिंदा अभी भी
ओह बारबरा
आज भी ब्रेस्त में बिना रुके बारिश हो रही है
जैसे पहले हुआ करती थी
मगर अब कुछ भी वैसा नहीं रहा
सब उजड़ गया है 
अब तो लोहे का खून का
तूफ़ान भी थम चुका 
बस बरस रही है
शोक की उदास उजड़ी बारिश
बस छाए हैं घने बादल 
जो कुत्तों की मौत मर रहे हैं
ब्रेस्त पर पानी बनकर बरस रहे हैं
और सड़ रहे हैं जा कर कहीं दूर
दूर ब्रेस्त से बहुत दूर
ब्रेस्त जहाँ कुछ नहीं बचा है 


-- याक प्रेवेर 



 
याक प्रेवेर  (Jacques Prévert)फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ  स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी  हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है. 
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़