गुरुवार, मई 16, 2013

एक ही घटना

ओक्स इन ओल्ड पीटरहोफ, इवान शिश्किन
Oaks in Old Peterhof,
Ivan Shishkin


संसार एक ही घटना है.
घटनाओं का कोई आरम्भ और कोई
अंत नहीं होता.
हवा बलूत के पत्तों को हिलाती है,
बलूत के पत्ते हवा में हिलते हैं.
वास्तव में बलूत के पत्तों
और हवा के बीच कोई सीमा रेखा नहीं है,
कोई भेद नहीं है हवा और जिन्हें वह
हिलाती है 
उन पत्तों व टहनियों के बीच, 
हवा और इस हवाओं भरे दिन के बीच
जहाँ मौसम बदल रहा है, और एक पल के लिए
तुम समझ पाते हो पत्तों और हवा की 
एकात्मकता को,
और एक नन्हा-सा हरा भृंग
बलूत की टहनियों से आ गिरता है
तुम्हारे बालों में.


-- यान काप्लिन्स्की 



यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़