बुधवार, जनवरी 09, 2013

लिखा मैंने उसका नाम

एट काप दौन्तीब, मिस्त्राल विंड, क्लौद मोने
At Cap d'Antibes, Mistral Wind, Claude Monet

जिसको मैं प्रेम करता था
लिखा मैंने उसका नाम
हवाओं पर.
पानी पर
लिखा मैंने उसका नाम
जिसको मैं प्रेम करता था.
मगर हवा ठीक सुन नहीं पाती,
पानी याद नहीं रख पाता कोई नाम.



-- निज़ार क़ब्बानी 




 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.

इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद बस्सम के.फ्रंगिये व क्लेमनटीना आर. ब्राउन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़