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फोरेस्ट , पॉल सेज़ान Forest, Paul Cezanne |
जो मैंने पहले नहीं कहा होगा?
तो मैं एक बार फिर कहती हूँ.
हर पत्ते में एक गीत होता है.
पत्थर का चेहरा सहनशील होता है.
नदी में होती है कभी न अंत होने वाली एक कहानी
और उस में कहीं तुम होते हो
और उसका अंत कभी नहीं होगा
जब तक न हो जाए सब कुछ का अंत.
अपने व्यस्त ह्रदय को कला संग्रहालय ले जाओ
और ले जाओ व्यापार-मण्डल
मगर उसे जंगल में भी ले जाओ.
पत्ते का जो गीत तुमने सुना था
अपने बचपन में
पत्ता वह गीत अभी भी गा रहा है.
मैंने जी लिए हैं, अब तक, चौहत्तर बरस,
और पत्ता अभी भी गा रहा है, गाता जा रहा है.
-- मेरी ओलिवर

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़