बुधवार, अक्तूबर 31, 2012

वह चुप है और मैं भी...

सेल्फ-पोर्ट्रेट विद अ  बाटल ऑफ़ वाइन,
एडवर्ड मंच
Self Portrait with a Bottle of Wine,
Edvard Munch 
वह चुप है और मैं भी.
वह पीता है नींबू वाली चाय, जब कि मैं पीता हूँ कॉफ़ी.
यह अंतर है हम दोनों में.
मेरी ही तरह, उसने पहनी है चौड़ी धारियों वाली कमीज़,
और उसी की  तरह, शाम का अखबार पढ़ता हूँ मैं.
वह नहीं देखता मुझे छुप कर उसे देखते हुए.
मैं नहीं देखता उसे छुप कर मुझे देखते हुए.
वह चुप है और मैं भी.
वह वेटर से
कुछ पूछता है
मैं वेटर से कुछ पूछता हूँ...
एक काली बिल्ली गुज़रती है हम दोनों के बीच से.
उसके रोओं की रात को मैं महसूस करता हूँ
और वह भी महसूस करता है उसके रोओं की रात...
मैं उस से नहीं कहता: आज आकाश साफ़ है, नीला है.
वह मुझ से नहीं कहता: आज आकाश साफ़ है.
वह देखा जा रहा है और है देखने वाला भी
और मैं देखा जा रहा हूँ और हूँ देखने वाला भी.
मैं अपना बायाँ पैर हिलाता हूँ.
वह हिलाता है अपना दायाँ पैर.
मैं गुनगुनाता हूँ एक गीत की धुन
और वह वैसे ही गीत की धुन गुनगुनाता है.
मैं सोचता हूँ: क्या वह आइना है जिसमें मैं देखता हूँ स्वयं को?
और मुड़ कर झांकता हूँ उसकी आँखों में...मगर वह दिखाई नहीं देता.
मैं कैफ़े से जल्दी-जल्दी निकलता हूँ.
मैं सोचता हूँ: शायद वह कोई हत्यारा था...
या कोई राही जो सोचता है
कि मैं हत्यारा हूँ.
वह डरा हुआ है...और मैं भी.



-- महमूद दरविश 



 महमूद दरविश ( Mahmoud Darwish )एक फिलिस्तीनी कवि व लेखक थे जो फिलिस्तीन के राष्टीय कवि भी माने जाते थे. उनकी कविताओं में अक्सर अपने देश से बेदखली का दुःख प्रतिबिंबित होता है. उनके तीस कविता संकलन व आठ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. अपने लेखन के लिए, जिसका बीस भाषाओँ में अनुवाद भी हो चुका है, उन्हें असंख्य अवार्ड मिले हैं. फिलिस्तीनी लोगों के 'वतन' के लिए संघर्ष के साथ उनकी कविताओं का गहरा नाता है. जबकि उनकी बाद की कविताएँ मुक्त छंद में  लिखी हुईं और कुछ हद तक व्यक्तिगत हैं, वे राजनीती से कभी दूर नहीं रह पाए.

इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद ओम्निया अमीन व रिक लन्दन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

सोमवार, अक्तूबर 29, 2012

पंखों के खोने की स्मृति

नाईट, मिकालोयुस चिर्लोनियस
Night, Mikalojus Ciurlionus




एक समय आता है
अपने पीछे द्वार बंद करने का
पूरी रात खुल जाती है मेरे आगे 






-- डब्ल्यू एस मर्विन 



W.S. Merwin डब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, अक्तूबर 27, 2012

काम

ऑटम लैंडस्केप एट डस्क, विन्सेंट वान गोग
Autumn Landscape at Dusk, Vincent Van Gogh
मेरा मन वह था, सौ धूल-भरे रास्ते जहाँ
काटते थे एक-दूसरे को और आगे बढ़ जाते थे;
या था वह आशान्वित यात्रियों से भरा स्टेशन,
हालाँकि एक के पास भी न ठहरने की जगह थी
न कोई असली नौकरी.
जो भी था -- मेरा मन, एक ही दिन में,
बिखरता था हजारों हवाओं पर, और उड़ता था
दर्रों, रेगिस्तानों, नदी के मैदानों
और घाटियों में से
अँधेरे बंदरगाहों, समुद्री गलियारों,
अपरिचित महाद्वीपों तक.

मगर अब, छत्ते को लौटते झुण्ड की तरह
इस श्याम-सी बेला में
जब सभी कौवे बोल-बोल कर थक जाते हैं
और उड़ कर बैठ जाते हैं चट्टानों
या छज्जों पर,
सौ फूलों से एकत्रित शहद के साथ
और घिरते अँधेरे से एकत्रित सौ दुखों के साथ
लौटता है मेरा मन अपने उदास काम पर.


-- डान पेटरसन



 डान पेटरसन ( Don Paterson ) स्कॉटलैंड के कवि,लेखक  व संगीतकार हैं. वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज़ में अंग्रेजी पढ़ाते हैं, लन्दन के प्रकाशक 'पिकाडोर' के लिए पोएट्री एडिटर हैं और एक बेहतरीन जैज़ गिटारिस्ट हैं . अपने पहले कविता संकलन 'निल निल' से ही उन्हें पहचाना जाने लगा व अवार्ड मिलने लगे. अपने संकलन ' गाडज़ गिफ्ट टू विमेन ' के लिए उन्हें टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनके एक और संकलन 'लैंडिंग लाईट ' को विटब्रेड पोएट्री अवार्ड व फिर से टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने दूसरी भाषाओँ से अंग्रेजी में बहुत अनुवाद भी किया है जिन में से सबसे उल्लेखनीय स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो व जर्मन कवि रिल्के की रचनाएँ हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों का संपादन किया है, नाटक लिखे हैं व विशेष रूप से रेडियो नाटक लिखे हैं. यह कविता उनके संकलन 'आईज ' से है, जिसे  स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो की कविताओं का अनुवाद भी कहा जा सकता है, या कहा जा सकता है की ये कविताएँ, उनकी कविताओं से प्रेरित हैं.


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, अक्तूबर 25, 2012

पतझड़ी आकाश

स्टारी नाईट, विन्सेंट वान गोग
Starry Night, Vincent Van Gogh
मेरी परदादी के समय में,
चाहिए होता था केवल एक झाड़ू *
देखने के लिए कोई भी जगह
और करने के लिए
आकाश में बत्तखों का पीछा.

               •

सितारे सब जानते हैं,
तो हम करते हैं कोशिश उनका मन पढने की.
इतने दूरस्थ हैं वो फिर भी,
उनकी उपस्थिति में फुसफुसा के बोलते हैं हम.

               •

ओह सिंथिया,
उस घड़ी को जिसने खो दी हैं अपनी सुइयाँ
घुमाने ले जाओ.
होटल अनंतता में ले देना मुझे एक कमरा
जहाँ समय-समय पर रुकना पसंद है समय को.

               •

अँधेरे कोनों के प्रेमियों, आओ,
कहता है आकाश,
और बैठे मेरे किसी अँधेरे कोने में.
आज मूंगफली के कटोरे में
नन्हे स्वादिष्ट शून्य हैं.


-- चार्लज़ सिमिक 





 चार्लज़ सिमिक (Charles Simic ) एक सर्बियाई-अमरीकी कवि, निबंधकार, अनुवादक व दार्शनिक हैं। उनका जन्म युगोस्लाविया में हुआ और वे युद्ध-त्रस्त यूरोप में बड़े हुए। 1954 में,16 वर्ष की आयु में वे अपने परिवार के साथ अमरीका आ गए। 70 के दशक तक वे कवि के रूप में स्थापित हो गए। उनकी कविताएँ सूक्ष्म व बिम्बों से भरपूर होती हैं। वे पेरिस रिव्यू के सम्पादक रह चुके हैं व अमरीका के 15 वें पोएट लौरियेट भी। आजकल वे अमरीकी साहित्य व क्रिएटिव राइटिंग के प्रोफ़ेसर एमेरिटस हैं, व यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू हेम्पशियर में पढ़ाते हैं। उन्हें अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविताओं के 30 से अधिक संकलन, अनुवादों के 15 संकलन व गद्य के 8 संकलन प्रकाशित हो चुके है।
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

*झाड़ू पर बैठ जादूगरनी उड़ा करती थी, और कहीं भी जा सकती थी.

मंगलवार, अक्तूबर 23, 2012

सोचना तुम्हारे बारे में

द सोंग ऑफ़ लव, जोर्जिओ द किरीको
The Song of Love, Giorgio de Chirico



तुम्हारे बारे में सोचना सुखद है, 
आशा से पूर्ण,
जैसे धरती के सब से सुन्दर स्वर में
सुनना सबसे सुन्दर गीत...
मगर आशा अब काफी नहीं मेरे लिए,
अब और नहीं सुनना चाहता गीत,
मैं गाना चाहता हूँ. 



-- नाज़िम हिकमत



 नाज़िम हिकमत ( Nazim Hikmat) तुर्की के कवि , उपन्यासकार व नाटककार थे. उन्हें 28  वर्ष की क़ैद हो गयी थी , इस जुर्म पर कि उनकी कविताएँ पढ़ कर तुर्की सेना विद्रोह करने को प्रेरित होती है. अपना अधिकाँश जीवन उन्होंने जेल में या तुर्की से निर्वासित हो, दूसरे देशों में बिताया. चाहे तुर्की सरकार ने उन्हें खूब तंग किया, तुर्की के लोगों के मन में उनके लिए हमेशा बहुत इज्ज़त रही क्योंकि उनका लिखा लोगों के मन की बात कहता था. उनका देहांत मास्को में हुआ और वे वहीँ दफनाये गए. 1950 में उन्हें नोबेल पीस प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनका एक उपन्यास, 4  नाटक व कई कविता संकलन प्रकाशित हुए. उनकी कविताओं का 50 से भी अधिक भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. 
इस कविता का मूल तुर्की से अंग्रेजी में अनुवाद फ़तेह अक्गुल ने कियहै.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

रविवार, अक्तूबर 21, 2012

पतझड़ का दिन

ऑटम लीव्ज़, आइसाक लेवितान
Autumn Leaves, Isaac Levitan
हे ईश्वर, समय आ गया है. गर्मियाँ भरपूर थीं.
धूप-घड़ी पर डालो अपनी छायाएँ,
खुली छोड़ दो अपनी हवाएँ खेतों के पार.

आखिरी फलों को हुक्म दो पकने का.
प्रदान करो उन्हें दो और दक्षिणी दिन,
लाओ उन्हें पूर्णता पर और निचोड़ लो
उनकी अंतिम मिठास सघन सुरा में.

जिसके पास अब घर नहीं है
वह घर नहीं बनाएगा.
जो अकेला है अब वह अकेला ही रहेगा,
देर रात तक पढ़ेगा, लम्बे पत्र लिखेगा,
और, व्याकुल, घूमेगा सड़कों पर
जहाँ पत्ते उड़ते है इधर-उधर.


-- रायनर मरीया रिल्के



 रायनर मरीया रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कविता उनके संकलन 'बुक ऑफ़ इमेजिज़ ' से है.
इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़ ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़