बुधवार, अगस्त 31, 2011

श्वेत स्वर

ऑटम, मोर्निंग मिस्ट , कमील पिस्सारो
Autumn, Morning Mist, Camille Pissarro

इस बरस पतझड़ जल्दी आया है 
अगस्त की इस आखिरी सुबह में 
धुंध छा जाती है घाटी पर 
देर-से खिले गुलाबों को धुंधला करती है
और गीले पत्तों की महक तैरती है
पूर्णिमा से एक दिन बाद की रोशनी में
यह जाने का समय है
प्रवासी पंछियों के छोटे-छोटे झुण्ड 
धागों की तरह उलझे हैं 
गाँव के पश्चिमी छोर के पेड़ों में 
और प्रतीक्षा कर रहे हैं 
कि कुछ उन्हें याद दिलाएगा 
यात्रा की
और उनकी अपनी राह की 
और जब धुंध छंटती है 
वे जा चुके होते हैं 
और उनके साथ ही गर्मियों के दिन
भी ओझल हो जाते हैं 
और यहाँ-वहां पत्तों ने
धूप के रंग ओढने शुरू कर दिए हैं 
उन्हें हमेशा हमेशा रखने के लिए 


-- डब्ल्यू एस मर्विन



W.S. Merwinडब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़