शुक्रवार, अप्रैल 13, 2012

दुःख किस लिए है?

शीव्ज़ ऑफ़ व्हीट,  विन्सेंट वान गोग
Sheaves of Wheat, Vincent Van Gogh

दुःख किस लिए है? वह एक गोदाम है
रखने के लिए
गेहूं, जौ, मक्का और आँसू.
एक गोल पत्थर पर पैर रख कर 
हम दरवाज़े तक जाते हैं. और गोदाम 
सभी दुःख के पाखियों को चुग्गा देता है.
और मैं अपने आप से कहता हूँ :
अंततः तुम भी दुःख चखोगे? 
आगे बढ़ो, पतझड़ में उल्लासित रहो, 
संयमी रहो, हाँ, स्थिर रहो, शांत ;
या दुखों की घाटी में अपने पंख फैला दो.


--- रोबर्ट ब्लाए 



 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'टर्किश पियर्ज़ इन ऑगस्ट' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़