बुधवार, अप्रैल 25, 2012

पेड़

चेस्टनट ट्री इन ब्लोस्सम, विन्सेंट वां गोफ
Chestnut Tree in Blossom, Vincent Van Gogh

पेड़ों पर पत्ते ऐसे फूट रहे हैं 
जैसे कहते-कहते कुछ कहने से रह गया हो;
नई कोंपलें आश्वस्त हो कर पसर जाती हैं,
उनकी हरियाली एक तरह का दुःख है.

क्या इसलिए कि उनका पुनर्जन्म होता है 
और हम बूढ़े होते जाते हैं? नहीं, वे भी मरते हैं,
नए दिखने का उनका यह वार्षिक खेल 
लिखा जाता है उनकी संरचना के वलयों में.

फिर भी, फिर भी हर मई के महीने में
एक पूर्ण घनेपन से उमगते हैं ये अविरत महल  
मानो कह रहे हों, पिछला साल मर चुका,
आओ नए सिरे से शुरू करें, फिर से, फिर से.



-- फिलिप लारकिन



 फिलिप लारकिन ( Philip Larkin )इंग्लैंड के, 20 वीं सदी के दूसरे हिस्से के, महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. ऑक्सफोर्ड से अंग्रेजी साहित्य में पढाई पूरी करने के बाद, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़  हल में लाइब्रेरियन की नौकरी की. उन 30 सालों के दौरान , उन्होंने अपनी कृति का एक बहुत बड़ा हिस्सा रच डाला. उनका पहला कविता संकलन 'द नोर्थ शिप' 1945  में प्रकाशित हुआ. 1946 में उन्होंने थोमस हार्डी की कविताएँ पढ़ी जिन का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा. हार्डी के साथ-साथ, येअट्स  और औडन की छाप भी उनकी कविताओं पर है. अपने दूसरे संकलन ' द लेस  डीसीवड' से वे कवि के रूप में स्थापित  हो गए. "द विटसन वेडिंग ज़" व "हाई विन्डोज़ " ने कविता की दुनिया में उनका वर्चस्व हो गया. लोगों से मिलना-जुलना उन्हें सख्त नापसंद था व ख्याति की भी कोई इच्छा नहीं थी. 1984  में जब उन्हें पोएट लौरीएट की उपाधि दिए जाने की बात चली, उन्होंने इनकार कर दिया, ये कहते हुए की उनकी म्यूज या उनकी प्रेरक शक्ति ने उनका साथ छोड़ दिया है. 1985 में उनका देहांत हो गया.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़