शुक्रवार, मई 11, 2012

महल से चीनी चुराना

शुगर बोल,
पिएर-ओग्यूस्त र्नोआ
Sugar Bowl,
Pierre-Auguste Renoir
हम निर्धन विद्यार्थी हैं जो रह जाते हैं स्कूल बंद 
होने के बाद पढ़ने के लिए आनंद का पाठ.
भारत के पर्वतों के उन पंछियों जैसे हैं हम.
मैं एक विधवा हूँ और मेरा बच्चा ही है
मेरे जीवन का एकलौता आनंद.

अपने चींटी जैसे सर में जो एक बात मैं रखता हूँ
वह है चीनी के महल की बनावट का नक्शा.
कितना आनंद है चुराने में चीनी का एक दाना!

एक पंछी की तरह, अँधेरे से उड़ कर जाते हैं 
महल के बड़े कक्ष में, जो गायन से जगमग है,
और फिर उड़ कर बाहर आ जाते हैं.
बड़े कक्ष की गर्माहट से निकाला जाना 
भी एक आनंद है.

मैं ढीला हूँ, आलसी हूँ, और हूँ मूर्ख. मगर मुझे 
उन लोगों के बारे में पढ़ना अच्छा लगता है 
जिन्होंने पाई थी एक झलक उस चेहरे की, 
और ख़ुशी से मर गए थे बीस साल बाद.

तुम्हारे कहे का, कि मैं जल्द ही मर जाऊंगा,
बुरा नहीं मानताजल्द ही, 
इन शब्दों के स्वर में भी मैं सुनता हूँ शब्द 'तुम',
जिस से आरम्भ होता है हर आनंद भरा वाक्य. 

"तुम चोर हो" न्यायाधीश ने कहा. "दिखाओ 
अपने हाथ!" मैंने दिखाए अपने छालों-भरे हाथ अदालत में.
मेरा दण्ड था आनंद के एक हज़ार साल.


--- रोबर्ट ब्लाए 



 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'माए सेंटेंस वाज़ अ थाऊजेंड यिअर्ज़ ऑफ़ जोय' से है .

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़