गुरुवार, जुलाई 14, 2011

खुद से बातें

सेल्फ पोर्ट्रेट इन फ्रंट ऑफ़ द ईज़ल, विन्सेंट वान गोग
Self Portrait In Front Of The Easel, Vincent Van Gogh

ऐसा भी होता है 
कि कोई केवल अपने लिए 
बोलता है कुछ शब्द
अकेले इस अजीब धरती पर 
और फिर वह छोटा सफ़ेद फूल
वह कंकड़ जिसके जैसे बहुत
गुज़र चुके हैं पहले भी 
वह ठूंठ-सी टहनी 
एक बार फिर
मिला हुआ पाते हैं
एक-दूसरे से खुद को 
उस द्वार के सामने
जिसे कोई खोलता है धीरे-से
मिटटी के घर में प्रवेश के लिए 
जबकि कुर्सियाँ, मेज़, अलमारी
दमकते हैं वैभव के सूर्य में.


-- यौं फोलें 


 
यौं फोलें ( Jean Follain ) फ्रांस के कवि, लेखक व मजिस्ट्रेट थे और फ्रेंच के महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं. बहुत समय तक वे दोहरी ज़िन्दगी जीते रहे, एक ओर सरकारी अफसर और दूसरी ओर कवि जो साहित्यिक गोष्ठियों में जाता था, पत्रिकाओं में लेख लिखता था. फिर उन्होंने एक दिन नौकरी छोड़ दी और अनेक देशों का भ्रमण किया. ऐसा लगता था मानो वे नौकरी में गवाएँसाल वापिस अर्जित करना चाहते थे. उनके अनेक कविता व गद्य संकलन प्रकाशित हुए व उनका दूसरी भाषाओँ में अनुवाद भी हुआ. उनकी कविताएँ छोटी, रहस्यमय और लगभग चीनी-जापानी बौद्ध कविताओं-सी लगती है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

1 टिप्पणी:

  1. शुक्रिया इसे यहाँ बांटने के लिए ..

    .दोहरी जिंदगी कुछ लोग अच्छे के लिए भी जीते है........

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