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व्हीट-फील्ड विद अ लार्क, विन्सेंट वान गोग Wheat-Field with a Lark, Vincent Van Gogh |
आत्मा ने कहा,
" मुझे देखने के लिए कुछ दो."
तो मैंने उसे दिए खेत और बाड़ी. उसने कहा,
" ये तो बहुत बड़े है."
तो मैंने उसे दिया एक खेत.
हम दोनों बैठ गए.
कभी मुझे प्यार हो जाता एक झील से
कभी देवदार के फल से. मगर मुझे
सबसे ज्यादा वह पसंद थी.
वह यह बात जानती थी.
"लिखते रहो," वह कहती.
और मैंने वही किया. जब भी नई बर्फ़ गिरती थी,
हम दोनों फिर से शादी कर लेते थे.
पवित्र पूर्वज आकर बैठ जाते हमारे बिस्तर के पास.
ऐसा कितने ही साल होता रहा.
"यह खेत बहुत छोटा पड़ रहा है, " उसने कहा.
"तुम किसी और को नहीं जानते
जिस से तुम प्यार कर सको?"
अब तुम उस से क्या कहते?
--- रोबर्ट ब्लाए

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
सुंदर कविता !! किस तरह प्रेम हमारी दृष्टि को और हृदय को व्यापक कर देता है कि जो है वह छोटा लगने लगता है ! आभार रेनू जी ! सुंदर अनुवाद किया आपने !
जवाब देंहटाएंShukriya Misir ji
जवाब देंहटाएंकहाँ से चुन -चुन कर लाती हो कवितायें? फिर अनुवाद के गजरों से सजाती हो...
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