शनिवार, मई 26, 2012

भेद

आरिस्तीद ब्रुओं ऑन हिज़ बाइसिकल,
ओंरी तूलूज़-लौत्रेक
Arisitide Bruant on His Bicycle,
Henri Toulouse-Lautrec

जब तुम सोफे पर सो रही थीं
तुम्हारे कान से अपना कान लगा कर
सुनता रहा मैं तुम्हारे सपनों की प्रतिध्वनियाँ.

यही है वह महासागर जिसमें डुबकी लगाना चाहता हूँ मैं,
विलीन हो जाना चाहता हूँ सुन्दर मछलियों में,
प्लवक में, समुद्री डाकुओं के जहाज़ों में.

मैं पास जाता हूँ सड़क पर चलते उन लोगों के
जो कुछ-कुछ तुम्हारे जैसे दिखते हैं,
पूछता हूँ उनसे वह सवाल जो मैं तुमसे पूछता.

क्या हम बैठ सकते हैं छत पर और देख सकते हैं तारों को
धुआँरे से निकले धुएँ में घुलते हुए?
तुम्हारी साँसों के जंगल में 

क्या मैं टार्ज़न की तरह झूल सकता हूँ?

मैं नहीं चाहता तुम्हारी बाहों में होना.
मैं बस चाहता हूँ कि वह साईकल चला रहा होता
जो जाती तुम्हारी बाहों की ओर.





--  जेफ्फ्री मकडेनिअल 



जेफ्फ्री मकडेनिअल ( Jeffrey McDaniel ) एक अमरीकी कवि हैं. स्कूल के समय से ही वे साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ने लगे थे. कॉलेज में वे कॉलेज की राष्ट्रिय साहित्य पत्रिका के सम्पादक थे. वे पोएट्री थियेटर व पोएट्री स्लेम जैसी गतिविधियों में भाग लेने लगे. पढाई पूरी करने के बाद उनका सारा समय लेखन, कविता और क्रिएटिव राइटिंग पढ़ाने में व उसे लोकप्रिय बनाने में बीतता है. वे पोएट्री इन कम्युनिटी प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए हैं और खासकर स्कूली छात्रों को कविता से जोड़ने के प्रयास में रत हैं. यह कविता उनके संकलन 'द फॉरगिवनेस परेड 'से है.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

3 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेमिका के बहाने प्यार के महसागर में डूबकी लगाने की इच्छा रखने वाली नए बिम्बों की कविता.

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  2. 'मैं नहीं चाहता तुम्हारी बाहों में होना.
    मैं बस चाहता हूँ कि वह साईकल चला रहा होता
    जो जाती तुम्हारी बाहों की ओर.'

    अदभुत पंक्तियाँ. अनुवाद भी बेहतरीन.

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  3. अनुवाद भी उसी का होता है, जो अपने भीतर कहीं पलता है

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