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द ब्लू फेस, मार्क शगाल The Blue Face, Marc Chagall |
मेरा अर्थ रोज़मर्रा के जीवन से है.
थकान एक औरत है और है एक आदमी.
थकान एक कुर्सी है या है एक कैफे.
थकान छाया और अँधेरा है. वह चाँद और सूरज भी है.
ये जो दिन हैं, ये थकान के दिन,
इनकी अपनी किताबें हैं, हर कदम एक शब्द.
और शब्दों का अंत नहीं होता.
एक और चेहरा / जुड़ने, टूट के अलग होने का मिश्रण,
जुड़ना एक वृत्तीय गति में जो कभी नहीं थमती.
और हर चेहरा अकेला होता है
तब भी जब वह किसी और को गले से लगाता है.
एक और चेहरा / अनंतर उपस्थिति
जो उठती है कविता तक, स्वप्न तक.
तुम इस यथार्थ को गले से लगाना चाहते हो,
उसमें बसना चाहते हो, क्योंकि बनाव वही है,
क्योंकि फैलाव वही है,
मगर हर कदम की अपनी लय व अपना क्षितिज है.
एक और चेहरा / अलगाव और मिलन,
उपस्थिति और अनुपस्थिति के बीच का विवाद.
तो फिर जब तुम हमीदिया सूक में चलते हो
तो ऐसा होता है जैसे कि तुम चीज़ों को देखते हो
और चीज़ों को नहीं देखते हो,
जैसे कि जो तुम देख रहे हो
उस में तुम वह खोज रहे हो जो तुम नहीं देख रहे.
-- अदुनिस

इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
आप बहुत अच्छा अनुवाद करती हैं . कविता पढ़ कर सुकून मिला.
जवाब देंहटाएंथकान और अकेलेपन पर अद्भुत कविता जो दिखाती है कि किसी भी विषय पर मौलिक तरीके से कैसे सोचा जा सकता है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, आशुतोष जी :-)
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