बुधवार, अगस्त 08, 2012

पत्रों के उत्तर

बुके ऑफ़ वाएलेट्स, एदुआर माने
Bouquet of Violets,
Edouard Manet
अपनी मेज़ के निचले दराज़ में मुझे मिला वह पत्र जो पहली बार
छब्बीस बरस पहले आया था. एक बुरी तरह घबराया हुआ पत्र,
और अब जब वह दूसरी बार आया है, अभी भी वह साँस ले रहा है.

एक घर में पाँच खिड़कियाँ हैं: उन में से चार में से दिन झलकता है
साफ़ व शांत. पाँचवीं के सामने है श्यामल आकाश, गर्जन और आंधी.
मैं पाँचवीं खिड़की में खड़ा हूँ. वह पत्र.

कभी-कभी एक अगाध गर्त खुल जाता है मंगलवार और बुधवार के बीच
मगर छब्बीस बरस तो एक पल में बीत सकते हैं. समय कोई सीधी रेखा
नहीं, वह अधिकतर भूल-भुलैया होता है, और अगर तुम दीवार के साथ
सही जगह पर सट के खड़े रहो, तो तुम सुन सकते हो जल्दी-जल्दी
चलते कदमों और आवाजें को, तुम सुन सकते हो स्वयं को दूसरी ओर
पास से गुज़रते हुए .

क्या उस पत्र का जवाब कभी दिया गया था? मुझे याद नहीं, बहुत समय बीत
चुका है. समुद्र की असंख्य देहरियाँ अपना स्थान बदलती रहीं. अगस्त की
रात की गीली घास में मन, दादुर-सा, एक पल से दूसरे पल तक उछलता रहा.

जैसे हों ख़राब मौसम का वायदा करते पक्षाभ-स्तरी मेघ, अनुत्तरित पत्रों
का ढेर लग जाता है.  वे बना देते हैं सूर्य-रश्मियों को कांतिहीन.
एक दिन उत्तर दूंगा मैं.
एक दिन जब मैं मर चुका होऊँगा और आखिर ध्यान को केन्द्रित कर पाउँगा. या
कम-से-कम यहाँ से इतनी दूर होऊँगा कि स्वयं को फिर से खोज पाउँगा. जब हाल
ही में पहुंचा, मैं चलूँगा बड़े शहर में, 125 वीं स्ट्रीट पर, नाचते कूड़े वाली सड़क की
हवा में. मैं, जिसे पसंद है इधर-उधर भटकना और भीड़ में खो जाना, होऊँगा एक
बड़ा अक्षर, लिखे हुए शब्दों के अनंत समूह में.



-- तोमास त्रांसत्रोमर 



 तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके संकलन 'द वाइल्ड मार्केट स्क्वेयर'से है.

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके कवि रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.

1 टिप्पणी:

  1. तोमास त्रांसत्रोमर ने उनुत्त्रित पात्रों के जवाब ना दे पाने की पीड़ा को व्यक्त किया है.कई वर्ष बाद कोई पत्र सामने पड जाता है तो मन को भिगो देता है.

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