शनिवार, सितंबर 15, 2012

अनुपस्थिति का सिद्धांत

सेवेरल सर्क्ल्ज़, वैसिली कैन्डिन्सकी
Several Circles, Wassily Kandinsky
परिकल्पना: मैं तनाव में हूँ और तुम भी.
हम न मिलते हैं न अलग होते हैं.
वांछित परिणाम: हम अनुपस्थिति में मिलते हैं.
प्रमाण: जैसे तनाव लोगों को वृतांशों में बदल देता है,
हम दो वृतांश हैं.
हम न मिलते हैं न अलग होते हैं (परिकल्पना)
तो, हम अवश्य ही समानांतर होंगे.
अगर दो रेखाओं को
तीसरे रेखा द्वारा द्विभाजित किया जाता है
( जो यहाँ पर, तनाव की रेखा है)
उनके संगत कोण बराबर होंगे ( एक ज्यामितिय प्रमेय).
तो, हम समनुरूप हैं
( क्योंकि जब उनके कोण बराबर होते हैं
आकार समनुरूप होते हैं )
और हम एक वृत्त बनाते हैं ( चूंकि दो
समनुरूप वृतांशों का जोड़
एक वृत्त होता है).
इसलिए हम मिलते हैं अनुपस्थिति में
(चूंकि एक वृत्त की परिधि
होती है संस्पर्शी बिन्दुओं का जोड़
और हर एक को समझा जा सकता है
स्पर्श-बिंदु).


-- दून्या मिखाइल 


image-dunya2  दून्या मिखाइल ( Dunya Mikhail )एक इराकी-अमरीकी कवयित्री हैं. वे अरबी में लिखतीं हैं व उनकी कविताएँ इराक के हालात , युद्ध, युद्ध से प्रभावित जीवन व विस्थापन के बारे में हैं. अरबी में उनकी कविताओं के पांच संकलन प्रकाशित हुए हैं. उनकी अंग्रेजी में अनूदित कविताओं के दो संकलन प्रकाशित हुए हैं, जिन में 'द वार वर्क्स हार्ड' को PEN ट्रांसलेशन अवार्ड मिला व 'डायरी ऑफ़ अ वेव आउटसाइड द सी' को अरब अमेरिकेन बुक अवार्ड मिला है. 2001 में उन्हें यू एन ह्यूमन राइट्स अवार्ड फॉर फ्रीडम ऑफ़ राइटिंग प्राप्त हुआ.
वे 1996 से अमरीका में रहती हैं व अरबी पढ़ाती हैं.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद इलीज़ाबेथ विन्ज्लो ने किया है.    
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें