गुरुवार, फ़रवरी 14, 2013

संदेश

सेल्फ-पोर्ट्रेट विद बोनिटो, फ्रीडा काहलो
Self Portrait with Bonito, Frida Kahlo
मोबाइल को अब ऐसे पकड़े हूँ मैं
जैसे एक घायल पंछी हो वह.

एक-दूसरे को भेजते हैं हम
अपने महत्वपूर्ण शब्द.

मैं फिर-फिर पढ़ती हूँ तुम्हारा
पहला, दूसरा, तीसरा संदेश,

तुम्हारे x x चिन्ह ढूँढती हुई
कितनी हास्यास्पद लगती हूँ मैं.

हम भेजते हैं जो संकेत
वे टूटे तार लिए पहुँचते हैं.

मैं तुम्हारे हाथों की कल्पना करने का
प्रयत्न करती हूँ, धुँधला ही चित्र उभरता है.

जो भी सन्देश दबा-दबा कर लिखेंगी मेरी उँगलियाँ
वह नहीं सुना जाएगा कभी.


-- कैरल एन डफ्फी



 कैरल एन डफ्फी ( Carol Ann Duffy )स्कॉट्लैंड की कवयित्री व नाटककार हैं. वे मैनचेस्टर मेट्रोपोलिटन युनिवेर्सिटी में समकालीन कविता की प्रोफ़ेसर हैं. 2009 में वे ब्रिटेन की पोएट लॉरीअट नियुक्त की गईं. वे पहली महिला व पहली स्कॉटिश पोएट लॉरीअट हैं. उनके स्वयं के कई कविता संकलन छ्प चुके हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों को सम्पादित भी किया है. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक सम्मान व अवार्ड मिल चुके हैं. सरल भाषा में लिखी उनकी कविताएँ अत्यंत लोकप्रिय हैं व स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं. यह कविता उनके 2005 में छपे संकलन ' रैप्चर ' से है, जिसे टी एस एलीअट प्राइज़ मिला था.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़  

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