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लिटिल ट्री, ईगोन शीय्ले Little Tree, Egon Schiele |
एक छोटे गुलाबी पेड़
की पत्तियों को
धीमे से गिरते हुए, होगा वहाँ
सूर्य भी और निस्संदेह दूर कहीं
होगी एक बादल की अस्पष्ट-सी आकृति
जैसे कह रही हो कि अब बोझिल
नहीं है कुछ भी और तब ऐसा लगेगा
मानो दुःख की घड़ी थी कोई बात
पुरानी,
इतनी पुरानी कि किसी को याद तक नहीं.
-- क्लौद एस्तेबान
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
किसी बात का दुःख वाष्प बन कर जीवन पर फ़ैल जाता है और उस बात को भूल जाने पर भी हमारे स्वभाव में रचा -बसा रहता है ...लेकिन कभी वह भी बीतता है ....बहुत सुन्दर कविता और अनुवाद !
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर...
जवाब देंहटाएंअनु
बढ़िया है आदरेया -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-