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वुमन राइटिंग, एदुआर माने Woman Writing, Edouard Manet |
किनारे से ज़रा-सी कट गयी
मेरी हथेली.
कटे की लकीर से बढ़ गयी
लगभग एक-चौथाई
मेरी जीवन-रेखा.
-- वेरा पाव्लोवा

इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीवन सेमूर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (20-02-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ |
गजब -
जवाब देंहटाएंबधाइयां
काटे कागद कोर ने, कवि के कितने अंग ।
कविता कर कर कवि भरे, कोरे कागज़ रंग
कोरे कागज़ रंग, रोज ही लगे खरोंचे ।
दिल दिमाग बदहाल, याद बामांगी नोचे ।
रविकर दायाँ हाथ, एक दिन गम जब बांटे ।
जीवन रेखा छोट, कोर कागज़ की काटे ।।
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंलाजवाब!!!
अनु
बहुत बढ़िया !
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