रविवार, मई 22, 2011

तुम्हारा हाथ

लवर्स हैंड्स, ओग्यूस्त रोदें
Lovers Hands, Auguste Rodin
तुम से दूर हूँ,
हवा का हाथ थामती हूँ मैं,
या तुम्हारा कल्पित, 
ना छुआ जा सकने वाला हाथ.
यहाँ नहीं हो तुम, 
मगर चलते-चलते 
तुम्हारी उँगलियाँ जैसे 
मेरी उँगलियों में गुंथ जाती हैं.
और मेरे मन के किसी कोने में 
बोलने लगते हो तुम.


हवा को हौले-से दबाती हूँ मैं,
झड़े हुए पत्तों को पैरों से बिखेर देती हूँ,   
अचानक सब सुनहरा हो जाता है.
आधा विश्वास तो हो ही जाता है मुझे, 
कि मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में ही है, 
वैसे ही जैसे, 
अगर तुम यहाँ होते, तो होता.


मेरे मन में क्या कहते जा रहे हो तुम? 
सर झुका कर सुनती हूँ,
और लगता है जैसे तुम्हारा हाथ, ऊपर उठ,
सचमुच मेरे बालों को हलके-से सहला रहा है, 
वैसे ही जैसे, 
ऊपर इन बेचैन पेड़ों को हवा 
सचमुच हौले-से छू रही है. 
अब प्यार के बारे में बोलते हुए 
तुम्हें साफ़-साफ़ सुन पा रही हूँ.




-- कैरल एन डफ्फी 


  कैरल एन डफ्फी ( Carol Ann Duffy )स्कॉट्लैंड की कवयित्री व नाटककार हैं. वे मैनचेस्टर मेट्रोपोलिटन युनिवेर्सिटी में समकालीन कविता की प्रोफ़ेसर हैं. 2009 में वे ब्रिटेन की पोएट लॉरीअट नियुक्त की गईं. वे पहली महिला व पहली स्कॉटिश पोएट लॉरीअट हैं. उनके स्वयं के कई कविता संकलन छ्प चुके हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों को सम्पादित भी किया है. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक सम्मान व अवार्ड मिल चुके हैं. सरल भाषा में लिखी उनकी कविताएँ अत्यंत लोकप्रिय हैं व स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं. यह कविता उनके 2005 में छपे संकलन ' रैप्चर ' से है, जिसे टी एस एलीअट प्राइज़ मिला था.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़                                                                                                                                                        

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