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| विला द मर्लिया. अ फौनटेन, जॉन सिंगर सार्जंट Villa de Marlia. A Fountain, John Singer Sargent |
फिर से
मेरा मन
चरमराता है
अपने कब्जों पे
और एक लम्बी-सी आह
के साथ
खुलता है
मेरे लघु
इतिहास के
आच्छादित पथ पर
जहाँ
एक आँगन में
फूल रहे हैं पेड़
संतरे और
अकेशा के
और फुव्वारा
गाता है
वहां कोई नहीं है
जिसे फिर सुनाता है
अपना प्रेम-गीत
-- डान पेटरसन
डान पेटरसन ( Don Paterson ) स्कॉटलैंड के कवि,लेखक व संगीतकार हैं. वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज़ में अंग्रेजी पढ़ाते हैं, लन्दन के प्रकाशक 'पिकाडोर' के लिए पोएट्री एडिटर हैं और एक बेहतरीन जैज़ गिटारिस्ट हैं . अपने पहले कविता संकलन 'निल निल' से ही उन्हें पहचाना जाने लगा व अवार्ड मिलने लगे. अपने संकलन ' गाडज़ गिफ्ट टू विमेन ' के लिए उन्हें टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनके एक और संकलन 'लैंडिंग लाईट ' को विटब्रेड पोएट्री अवार्ड व फिर से टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने दूसरी भाषाओँ से अंग्रेजी में बहुत अनुवाद भी किया है जिन में से सबसे उल्लेखनीय स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो व जर्मन कवि रिल्के की रचनाएँ हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों का संपादन किया है, नाटक लिखे हैं व विशेष रूप से रेडियो नाटक लिखे हैं. यह कविता उनके संकलन 'आईज ' से है, जिसे स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो की कविताओं का अनुवाद भी कहा जा सकता है, या कहा जा सकता है की ये कविताएँ, उनकी कविताओं से प्रेरित हैं.इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

man ke darwaje khol bag bageeche ki sair karane wali sundar kavita
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