आमूरः बूके, मार्क शगाल
Amoureux Bouquet, Marc Chagall |
मैं तुम्हें ऐसे प्यार नहीं करता जैसे कि तुम हो समुद्र-किनारे
का गुलाब, या पुखराज, या अग्नि द्वारा छोड़ा गुलनार तीर,
मैं तुम्हें ऐसे प्यार करता हूँ जैसे करना चाहिए
कुछ गहरी अँधेरी चीज़ों को,
छुप-छुप के, छाया और आत्मा के बीच.
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ उस पौधे की तरह जो कभी नहीं
फूलता मगर भीतर लिए चलता है छुपे फूलों का उजाला;
तुम्हारे प्यार के कारण मेरे बदन में रहती है निराशामय,
निराली एक ठोस सुगंध जो धरती से हुई है उदित.
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ बिना जाने कैसे, या कब, या कहाँ से.
मैं तुम्हें सीधी तरह से प्यार करता हूँ,
बिना जटिलता, बिना अभिमान के;
तो मैं तुम्हें प्यार करता हूँ क्योंकि इस के सिवाय
नहीं जानता और कोई राह: जहाँ नहीं है अस्तित्व
मैं का, तुम का,
मैं का, तुम का,
इतने पास कि मेरी छाती पर रखा तुम्हारा हाथ, मेरा हाथ है
इतने पास कि मुझे नींद आती हैं तो आँखें तुम्हारी मूँद जाती हैं.
-- पाब्लो नेरुदा

इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीफन टैपस्कोट ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
प्रेम पर एक अद्भुत कविता .........
जवाब देंहटाएंमैं तुम्हें सीधी तरह से प्यार करता हूँ,
बिना जटिलता, बिना अभिमान के;
सुंदर अनुवाद के लिए बधाई !