रविवार, मई 13, 2012

मैं तुम्हें ऐसे प्यार नहीं करता...

          आमूरः बूके, मार्क शगाल
Amoureux Bouquet, Marc Chagall

मैं तुम्हें ऐसे प्यार नहीं करता जैसे कि तुम हो समुद्र-किनारे 
का गुलाब, या पुखराज, या अग्नि द्वारा छोड़ा गुलनार तीर,
मैं तुम्हें ऐसे प्यार करता हूँ जैसे करना चाहिए 
कुछ गहरी अँधेरी चीज़ों को,
छुप-छुप के, छाया और आत्मा के बीच.

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ उस पौधे की तरह जो कभी नहीं 
फूलता मगर भीतर लिए चलता है छुपे फूलों का उजाला;
तुम्हारे प्यार के कारण मेरे बदन में रहती है निराशामय, 
निराली एक ठोस सुगंध जो धरती से हुई है उदित.

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ बिना जाने कैसे, या कब, या कहाँ से.
मैं तुम्हें सीधी तरह से प्यार करता हूँ, 
बिना जटिलता, बिना अभिमान के;
तो मैं तुम्हें प्यार करता हूँ क्योंकि इस के सिवाय 

नहीं जानता और कोई राह: जहाँ नहीं है अस्तित्व
मैं का, तुम का,
इतने पास कि मेरी छाती पर रखा तुम्हारा हाथ, मेरा हाथ है 
इतने पास कि मुझे नींद आती हैं तो आँखें तुम्हारी मूँद जाती हैं.


-- पाब्लो नेरुदा 




 पाब्लो नेरुदा ( Pablo Neruda ) को कौन नहीं जानता. वे चिली के कवि थे.कोलंबिया के महान उपन्यासकार गेब्रिअल गार्सिया मार्केज़ ने उन्हें ' 20 वीं सदी का, दुनिया की सभी भाषाओँ में से सबसे बेहतरीन कवि ' कहा है. 10वर्ष की आयु में उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू की. 19वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'क्रेपेस्क्युलारियो ' प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्द प्रेम कविताएँ ' ट्वेंटी पोएम्ज़ ऑफ़ लव एंड अ सोंग ऑफ़ डेसपैर '. दोनों संकलन खूब सराहे गए और दूसरी भाषाओँ में अनूदित लिए गए. उनकी प्रेम कविताओं की तो सहस्रों प्रतियाँ आज तक बिक चुकी है. उनके पूरे लेखन काल में उनकी 50से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और अनेक भाषाओँ में असंख्य अनुवाद हुए. 1971में उन्हें नोबेल प्राइज़ भी प्राप्त हुआ. यह कविता उनके संकलन '100 लव सोनेट्स ' से है. यह सातवाँ सोनेट है .
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीफन टैपस्कोट ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

1 टिप्पणी:

  1. प्रेम पर एक अद्भुत कविता .........

    मैं तुम्हें सीधी तरह से प्यार करता हूँ,
    बिना जटिलता, बिना अभिमान के;

    सुंदर अनुवाद के लिए बधाई !

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