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बूलेवार मोंमार्त्र, स्प्रिंग रेन, कामील पिस्सार्रो Boulevard Montmartre, Spring Rain, Camille Pissarro |
कि जाने की कोई भी जगह नहीं है फिर भी
मैं पांच मिनट में गायब हो जाऊँगा?
बारिश अभी भी
सड़क पर पानी की चादरें बिछा रही है
कहीं पर कोई आश्रय नहीं है, फिर भी?
शहर के कॉफ़ी-बार करते हैं
ऊब को परिभाषित,
यूँ अकेला मैं किस ओर निकल जाऊं?
जब तुम समुद्र हो
तुम्हीं हो पाल
और तुम ही यात्रा
क्या ऐसा हो सकता है कि
जब तक बारिश न रुक जाए
मैं दस मिनट के लिए और रुक जाऊं?निश्चित है कि मैं चला ही जाऊंगा
बादलों के आगे बढ़ जाने के बाद
और हवाओं के थम जाने के बाद
नहीं तो, सुबह तक मैं रहूँगा
तुम्हारा मेहमान
-- निज़ार क़ब्बानी
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और जेरेमी रीड ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
निजार कब्बानी के लेखन तो दीवाना करता ही है...
जवाब देंहटाएंआपके अनुवाद भी लाजवाब.
अनु