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फ्लाइंग शैडोज़, विलर्ड मेटकाफ Flying Shadows, Willard Metcalfe |
कुछ शब्द आते हैं पास,
बैल के सर
जो दांत से काटते हैं
ज़मीन पर लायी गई बर्फ़ को,
अंतरंगता के पल
जिन्हें हटा दिया जाता है हाथ के इशारे से,
समुद्री शम्बुक की खोई हुई श्रृंगिका.
वह सूरज है
जो चमकता है हम पर! मगर
जो-प्यार-नहीं की छायाएँ आ जाती है छाने,
उस के विरुद्ध खड़ा नहीं हुआ जा सकता.
और हम दुःख भोगते हैं. हमारे कानों से
गिर जाते हैं सुनहरी कुण्डल.
समुद्र पर मेघ छा जाते हैं.
-- रोबर्ट ब्लाए

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
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