शनिवार, जुलाई 07, 2012

जुलाई विश्राम

ट्रीज़ एंड अंडरग्रोथ, विन्सेंट वान गोग
Trees and Undergrowth, Vincent Van gogh
ऊंचे पेड़ों के नीचे अपनी पीठ पर लेटा आदमी
वहाँ ऊपर भी है. वह उमड़ कर बन जाता है
हज़ारों टहनियाँ,
इधर से उधर  झूलता है,
बैठ जाता है एक निष्कासक सीट में
जो मंद गति में छूटती है.

जेटी के पास खड़ा आदमी आँखें सिकोड़ कर
देखता है पानी को.
जेटी लोगों से ज्यादा जल्दी बूढी होती हैं.
उसकी लकड़ियाँ हैं रुपहली धूसर,
उनके पेट में पत्थर हैं.
चौंधियाती रौशनी सीधी भीतर बरसती है.

वह आदमी जो दिन भर यात्रा करता है
खुली नाव में,
चमचमाते जल-मार्गों पर,
अंततः सोयेगा एक नीले लैम्प के अन्दर
जबकि बहुत बड़े पतंगों की तरह
द्वीप रेंगेंगे कांच के ऊपर.



 -- तोमास त्रांसत्रोमर 



 तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके संकलन 'सीइंग इन द डार्क 'से है.

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके कवि रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.

इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

1 टिप्पणी:

  1. जेटी में बैठे यात्रियों और नाविक का खूबसूरत चित्र मानो जेटी में हम ही सवार हों.

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