वाटर लिलीज़, क्लौद मोने Water Lilies, Claude Monet |
नहीं देता मैं शोर पर ध्यान.
मैं नीत्शे को पढ़ता हूँ
और कल्पना करता हूँ कि वे हैं एक ज्वार --
हाँ, स्वयं को समर्पित कर देना चाहिए
इस अर्थपूर्ण ज्वार को
झुक जाना चाहिए सूरजमुखी की तरह,
सूर्य की ओर बढ़ा देना चाहिए दोस्ती का हाथ
या स्वयं को सौंप देना चाहिए उन चाह के कमलों को
जो तैरते हैं मेरी देह की झील पर
और खाली कर लेना चाहिए स्वयं को
बन जाने के लिए वह बच्चा
जो मैं भविष्य में होना चाहता था.
-- अदुनिस
अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं. यह कविता उनके 2003 के संकलन 'बिगिनिन्ग्ज़ ऑफ़ द बॉडी, एंडज़ ऑफ़ द सी' से है.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें