शुक्रवार, नवंबर 16, 2012

पतझड़ गीत

फारेस्ट एज, वैसिली केंडिंस्की
Forest Edge, Wassily Kandinsky

लगभग बीत ही गया है एक और वर्ष, छोड़ गया है 
चारों ओर अपने उत्साही उर्वर अवशेष: बेलें, पत्ते,

अँधेरे सीलन-भरे कोनों में पड़े झुर्रियों वाले 
बिना खाए हुए फल, बीते ग्रीष्म के 

विशेष द्वीप से अपदार्थित होता यह पल, यह 
वर्त्तमान जो और कहीं नहीं,

केवल पैरों के तले है, सड़ता हुआ 
उस अँधेरे भूमिगत महल में,

जहाँ हैं अलक्ष्य रहस्य -- जड़ें और मुहर बंद बीज 
और पानी की घुमक्कड़ी. यह याद रखने का 

प्रयत्न करती हूँ मैं जब समय का परिमाण 
रगड़ कर छीलता है, दुखता है, उदहारण के लिए 

जब पतझड़ जाते-जाते अंत में भड़कता है, 
प्रचंड और हमारी ही तरह 

हमेशा रहने की इच्छा लिए --
कैसे जीता है सबकुछ, हमेशा 

इन क्षणिक चारागाहों में, एक उज्जवल 
दृश्य से  दूसरे की ओर पलटता हुआ.



-- मेरी ओलिवर



Mary Oliver मेरी ओलिवर ( Mary Oliver )एक अमरीकी कव्यित्री हैं, जो 60 के दशक से कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. उनके 25 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं और बहुत सराहे गए हैं. उन्हें अमरीका के श्रेष्ठ सम्मान 'नेशनल बुक अवार्ड' व 'पुलित्ज़र प्राइज़' भी प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविताएँ प्रकृति की गुप-चुप गतिविधियों के बारे में हैं, जैसे वो धरती और आकाश के बीच खड़ीं सब देख रहीं हैं. और  उनकी कविताओं में उनका अकेलेपन  से प्यार, एक निरंतर आंतरिक एकालाप व स्त्री का प्रकृति से गहरा सम्बन्ध भी दिखाई देता है..
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें