मंगलवार, नवंबर 29, 2011

मेरा हाथ

बॉय बाय द वाटर, पॉल गोगें
Boy By The Water, Paul Gauguin

देखो इस पल में 
बीता कल कैसे समाप्त नहीं हुआ 
वह जागृत है हर समय 
कभी प्रतीक्षा न करता हुआ 
अब वह मेरा हाथ है 
मगर वह नहीं जो मैंने पकड़ा था
वह मेरा हाथ नहीं 
मगर वह है जो मैंने पकड़ा था 
वह है, वह जो मैं याद रखता हूँ 
मगर वह कभी 
एकदम वैसा नहीं प्रतीत होता 
कोई और उसे याद नहीं रखता 
एक घर जिसे बहुत समय पहले 
हवा निगल गयी थी 
ईंट की सड़क पर पहियों की आवाज़
एक गायब हो चुके कमरे की ठंडी रोशनी 
रंगबिरंगे पंछी की एक झलक 
एक जीवन और दूसरे के बीच 
वह नदी जो एक बच्चा देखा करता था.


-- डब्ल्यू एस मर्विन

W.S. Merwinडब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

रविवार, नवंबर 27, 2011

भींचे प्राण

ऑटम लैंडस्केप एट डस्क, विन्सेंट वान गोग
Autumn Landscape At Dusk, Vincent Van Gogh

हमने यह झुटपुटा भी खो दिया.
आज शाम जब नीली रात का पर्दा
गिर रहा था दुनिया पर
हमें हाथों में हाथ लिए किसी ने नहीं देखा.

मैंने अपनी खिड़की से देखा है 
दूर पर्वत के शिखरों पर 
सूर्यास्त का उत्सव.

कभी-कभी धूप का एक चिकत्ता 
मेरी हथेली पर सिक्के-सा जला है.

मैंने तुम्हें याद किया 
और प्राण भींच गए उस उदासी में 
जिसे तुम अच्छे से जानती हो.

कहाँ थी तुम उस समय?
और कौन था वहां?
क्या कह रहा था?
क्यों सारा का सारा प्यार अचानक उमड़ आता है मुझ में
तब जब मैं उदास होता हूँ और मुझे लगता है कि तुम दूर हो?

जो हमेशा सांझ में बंद हो जाती थी
वो किताब गिर गयी और मेरा नीला स्वेटर 
एक चोट-खाए कुत्ते-सा लोट गया मेरे पैरों में .

हमेशा, हमेशा तुम लौट जाती हो साँझों में से 
बुतों को मिटाते झुटपुटे की ओर.



-- पाब्लो नेरुदा 



पाब्लो नेरुदा ( Pablo Neruda ) को कौन नहीं जानता. वे चिली के कवि थे.कोलंबिया के महान उपन्यासकार गेब्रिअल गार्सिया मार्केज़ ने उन्हें ' 20 वीं सदी का, दुनिया की सभी भाषाओँ में से सबसे बेहतरीन कवि ' कहा है. 10वर्ष की आयु में उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू की. 19वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'क्रेपेस्क्युलारियो ' प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्द प्रेम कविताएँ ' ट्वेंटी पोएम्ज़ ऑफ़ लव एंड अ सोंग ऑफ़ डेसपैर '. दोनों संकलन खूब सराहे गए और दूसरी भाषाओँ में अनूदित लिए गए. उनकी प्रेम कविताओं की तो सहस्रों प्रतियाँ आज तक बिक चुकी है. उनके पूरे लेखन काल में उनकी 50से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और अनेक भाषाओँ में असंख्य अनुवाद हुए. 1971में उन्हें नोबेल प्राइज़ भी प्राप्त हुआ. 
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद डब्ल्यू एस मर्विन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शुक्रवार, नवंबर 25, 2011

असंख्य जीवन

टू सेल्फ पोर्ट्रेट्स एंड सेवेरल डीटेल्ज़, विन्सेंट वान गोग
Two Self Portraits and Several Details, Vincent Van Gogh

असंख्य जीवन बसते हैं हम में.
मैं नहीं जानता, 
जब मैं सोचता हूँ या महसूस करता हूँ,
वह कौन है जो सोचता या महसूस करता है.
मैं केवल वह स्थान हूँ 
जहाँ पर चीज़ें सोची या महसूस की जाती हैं.

एक से अधिक प्राण है मुझ में.
मुझ से भी अधिक मैं.
मैं विद्यमान हूँ, फिर भी, 
हूँ उन सब से उदासीन.
उन्हें मौन कर देता हूँ : मैं बोलता हूँ.

मैं क्या महसूस करता हूँ क्या नहीं
इसकी विरोधी प्रेरणाएं जूझती हैं 
जो मैं हूँ उस में, मगर 
मैं उन्हें अनदेखा कर देता हूँ. 
वे निर्धारित नहीं कर पाती उस मैं को 
जिसे मैं जानता हूँ: मैं लिखता हूँ.


-- फेर्नान्दो पेस्सोआ ( रिकार्दो रेइस)


 फेर्नान्दो पेस्सोआ ( Fernando Pessoa )20 वीं सदी के आरम्भ के पुर्तगाली कवि, लेखक, समीक्षक व अनुवादक थे और दुनिया के महानतम कवियों में उनकी गिनती होती है. यह कविता उन्होंने रिकार्दो रेइस ( Ricardo Reis )के झूठे नाम से लिखी थी. अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने 72 झूठे नामों या हेट्रोनिम् की आड़ से सृजन किया, जिन में से तीन प्रमुख थे. और हैरानी की बात तो यह है की इन सभी हेट्रोनिम् या झूठे नामों की अपनी अलग  जीवनी, दर्शन, स्वभाव, रूप-रंग व लेखन शैली थी. पेस्सोआ  के जीतेजी उनकी एक ही किताब प्रकाशित हुई. मगर उनकी मृत्यु के बाद, एक पुराने ट्रंक से उनके द्वारा लिखे 25000 से भी अधिक पन्ने  मिले, जो उन्होंने अपने अलग-अलग नामों से लिखे थे. पुर्तगाल की नैशनल लाइब्रेरी में इनके सम्पादन का काम आज भी जारी है. यह कविता उनके संकलन 'ओड्ज़' से है.
इस कविता का मूल पोर्त्युगीज़ से अंग्रेजी में अनुवाद रिचर्ड ज़ेनिथ ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

बुधवार, नवंबर 23, 2011

याद करना

ब्राइड विद अ फैन, मार्क शगाल
Bride With A Fan, Marc Chagall

और तुम इंतज़ार करते हो. इंतज़ार करते हो
उस एक चीज़ का जो तुम्हारा जीवन बदल डालेगी,
जो अभी है उस से कर देगी और अधिक  --
कुछ अद्भुत, असाधारण,
पत्थरों का जाग जाना, 
गहराईयों का खुलना तुम्हारे लिए.

अँधेरी-सी किताबों की दुकानों में 
पुरानी किताबों की सुनहरी-भूरी जिल्दें
हलके-से चमचमाती हैं.
तुम सोचते हो उन देशों के बारे में 
जहाँ की यात्राएं तुम ने की है,
चित्रों के बारे में और उस ड्रेस के बारे में 
जो एक बार पहनी थी उस औरत ने 
जो दोबारा तुम्हें कभी नहीं मिल पायी.

और सहसा तुम जान जाते हो : उतना काफी था.
तुम उठ जाते हो और सामने प्रकट होता है,
सभी लालसाओं और हिचकिचाहटों के साथ
तुम्हारे जिए हुए जीवन का आकार.


 -- रायनर मरीया रिल्के 



 रायनर मरीया रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कविता उनके संकलन 'बुक ऑफ़ इमेजिज़ ' से है.
इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़ ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़